E-Passport: ई-पासपोर्ट को लेकर उठे विवाद पर लोकसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिया जवाब, जानें क्या कहा

शुक्रवार को लोकसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि यह पूरी तरह सुरक्षित है। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पूछा था कि चिप पासपोर्ट के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार क्या कर रही है।;

Update: 2022-02-04 16:22 GMT

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने वित्त वर्ष 2022-2023 बजट पेश के दौरान ई-पासपोर्ट (E-Passport) को लेकर ऐलान किया, जिसके बाद डेटा सुरक्षा को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए। अब शुक्रवार को लोकसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि यह पूरी तरह सुरक्षित है। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पूछा था कि चिप पासपोर्ट के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार क्या कर रही है।

ई-पासपोर्ट के संबंध में डेटा सुरक्षा मुद्दे पर लोकसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ई-पासपोर्ट बहुस्तरीय सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। क्योंकि डेटा नियमित पासपोर्ट की तरह कागज पर होगा और इसके ऊपर वेरिफाइ करने वाली चिप होगी। डिजिटल सिग्नेचर जो डेटा को सुरक्षित करेगा उसे मान्यता के उद्देश्य से अन्य देशों में भेजा जाएगा। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि पूरी दुनिया पासपोर्ट पर चल रही है, इसलिए भारत के लिए भी इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट जारी करना जरूरी है।

डेटा सुरक्षा मुद्दे पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पूछा था कि चिप पासपोर्ट के दुरुपयोग को रोकने के लिए केंद्र सरकार कोई काम कर रही है क्या। उन्होंने कहा कि आशंका है कि आतंकवादी इसका फायदा उठा सकते हैं। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा है कि दुनिया भर के कई देशों में यह पाया गया है कि आरएफआईडी तकनीक वाले ई-पासपोर्ट का दुरुपयोग संभव है। भारत को इसे रोकने के लिए गंभीर प्रयास करने चाहिए।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा था कि अब विदेश यात्रा के लिए नागरिकों को ई-पासपोर्ट जारी किए जाएंगे। इस पासपोर्ट में ई-पासपोर्ट में चिप भी लगाई जाएगी। इससे अब लोगों को विदेश यात्रा करने में आसानी होगी। बता दें कि ई-पासपोर्ट सामान्य पासपोर्ट की तरह होता है लेकिन ई-पासपोर्ट में एक छोटी इलेक्ट्रॉनिक चिप लगाई जाती है। इस पासपोर्ट में यात्री का नाम, जन्मतिथि, पता आदि जानकारी होती है। इस पासपोर्ट के जरिए यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। आपको बता दें कि ई-पासपोर्ट की सुविधा सबसे पहले मलेशिया में शुरू की गई थी। उसके बाद अमेरिका, जापान, ब्रिटेन, जर्मनी जैसे देशों ने इस सुविधा को अपने नागरिकों देना शुरू कर दिया। 

Tags:    

Similar News