बॉम्बे हाईकोर्ट से सीएम एकनाथ को झटका, उद्धव गुट को मिली दशहरा रैली की इजाजत, जानें क्या कहा

बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश से पहले बीएमसी काउंसिल ने साल 2014 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि कोर्ट राज्यों में इस तरह की कानून व्यवस्था मामले पर हस्क्षेपन नहीं करना चाहिए और प्रशासन के द्वारा नियंत्रित किया जाना चाहिए।;

Update: 2022-09-23 12:13 GMT

बॉम्बे हाईकोर्ट (High Court) ने शुक्रवार को एकनाथ गुट की याचिका को रद्द कर दिया, जिसमें मुंबई के शिवाजी पार्टी में दशहरा रैली का आयोजन करना था। वहीं कोर्ट ने उद्धव गुट को इस जगह पर रैली करने की इजाजत दे दी है।

बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश से पहले बीएमसी काउंसिल ने साल 2014 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि कोर्ट राज्यों में इस तरह की कानून व्यवस्था मामले पर हस्क्षेपन नहीं करना चाहिए और प्रशासन के द्वारा नियंत्रित किया जाना चाहिए।

शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई के दौरान वकील एसपी चिनॉय ने बॉम्बे हाईकोर्ट में उद्धव गुट की ओर से पेश हुए और कहा कि शिवसेना 1966 से शिवाजी पार्क में दशहरा रैली करती रही है। सिर्फ दशहरा मेला कोरोना महामारी के दौरान आयोजित नहीं हुआ था। अब कोरोना के बाद सभी त्योहार मनाए जा रहे हैं। ऐसे स्थिति में साल 2022 में शिवसेना को दशहरा मेला आयोजन करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

डिबेट के दौरान शिंदे गुट ने कहा कि एकनाथ शिंदे शिवसेना के प्रमुख नेता हैं। ठाकरे गुट की ओर से दावा किया है कि ये भ्रमक और झूठे तथ्य हैं। ठाकरे गुट ने शिवाजी पार्क में पारंपरिक रैली के आयोजन करने की मांग की है। जबकि शिंदे गुट की ओर से मिलिंद सालवे ने कहा कि शिवाजी पार्टी एक खेल का मैदान है और साइलेंट जोन में आता है। कोर्ट ने पाया कि नगर परिषद ने याचिकाकर्ता के आवेदन पर निर्णय लेने में अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया था। शिवसेना को 2-6 अक्टूबर तक तैयारियों के लिए मैदान दिया जाएगा।

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