Engineer's Day 2019: जानें कौन थे भारत रत्न सर एम. विश्वेश्वरय्या, जिनके जन्मदिवस पर मनाया जाता है 'अभियंता दिवस'
भारत में हर साल 15 सिंतबर को इंजीनियर दिवस (Engineer Day 2019) मनाया जाता है। जो भारत के सबसे महान इंजीनियर और भारत रत्न डॉक्टर सर एम. विश्वेश्वरय्या के जन्मदिन (Bharat Ratna Sir M Visvesvaraya Birthday Day) पर मनाया जाता है। इसे हिंदी में अभियंता दिवस भी कहा जाता है। बीते साल गूगल ने भी डूडल बनाकर इंजीनियर दिवस को सेलिब्रेट किया था।;
Engineers day 2019: भारत में हर साल 15 सिंतबर को इंजीनियर दिवस मनाया जाता है जो भारत के सबसे महान इंजीनियर और भारत रत्न डॉक्टर सर एम. विश्वेश्वरय्या के जन्मदिन (Bharat Ratna Sir M Visvesvaraya Birthday Day) पर मनाया जाता है। इसे हिंदी में अभियंता दिवस भी कहा जाता है। बीते साल गूगल ने भी डूडल बनाकर इंजीनियर दिवस को सेलिब्रेट किया था।
भारत के सबसे पहले इंजीनियर सर एम. विश्वेश्वरय्या का पूरा नाम मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या है। जिनका जन्म कर्नाटक में 15 सितंबर 1861 को चिकबल्लापुर के पास मुडेनाहल्ली में हुआ था। वो भारत के सबसे पहले सिविल इंजीनियर, बांध बनाने वाले इंजीनियर में उनका नाम है, वो एक अर्थशास्त्री, राजनेता रहे हैं।
भारत रत्न से हो चुके हैं सम्मानित
विश्वेश्वरय्या को 1955 में भारत के निर्माण में उनके असाधारण योगदान के लिए 'भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा उन्हें किंग जॉर्ज पंचम ने ब्रिटिश नाइटहुड से भी सम्मानित किया गया था। जिसने उनके नाम के शुरुआत में 'सर' लगा।
इंजीनियरिंग प्रतिभा बनाया महान
सर एमवी की इंजीनियरिंग प्रतिभा जल संसाधन और भारत भर में बांधों के निर्माण और समेकन को दर्शाती है। इसके अलावा उनके उत्कृष्ट नियोजन कौशल ने न केवल भारत में सिंचाई सुविधाओं को बढ़ावा दिया, बल्कि हजारों लोगों को भीषण बाढ़ से बचाया।
सर एम. विश्वेश्वरय्या जीवन परिचय
भारत के सबसे पहले अभियंता मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या का जन्म 15 सितंबर 1861 को मुडनेहल्ली गांव के चिक्काबल्लापुरा जिले में मैसूर रियासत में हुआ जो अब कर्नाटक के नाम से जाना जाता है। उनके पिता मोक्षगुंडम श्रीनिवास शास्त्री एक स्कूल टीचर थे और प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान भी थे। जबकि उनकी मां वेंकटालक्षम घर में काम किया करती थी।
विश्वेश्वरय्या ने 12 साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया था। उनकी प्राथमिक शिक्षा बांदाहल्ली के प्राथमिक विद्यालय में हुई और उसके बाद बैंगलोर में एक उच्च विद्यालय दाखिलाय लिया। जिसके बाद उन्होंने सेंट्रल कॉलेज बैंगलोर से बीए की डिग्री ली। फिर उन्होंने कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग पुणे में अपनी पढ़ाई पूरी कि और वो इंजिनियर बन गए।
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