Gujarat: अहमदाबाद से धोलेरा के बीच बनाया जा रहा expressway, इसके समानांतर दौड़ेगी Rapid Rail
गुजरात (Gujrat) के अहमदाबाद (Ahmedabad) से धोलेरा (Dholera) के बीच 109 किमी लंबे एक एक्सप्रेसवे (Expressway) का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही इसके समानांतर आरआरटीएस कॉरिडोर (RRTS Corridor) बनेगा, जिस पर रैपिड रेल (Rapid rail) दौड़ेगी। यह परियाेजना जनवरी 2024 तक पूरा किए जाने की उम्मीद है। पढ़ें पूरी अपडेट्स...;
Ahmedabad-Dholera expressway: केंद्र सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्रालय (Ministry of Road and Transport) द्वारा इस इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए देश के कोने-कोने में एक्सप्रेसवे का जाल बिछाया जा रहा है। सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही 13 एक्सप्रेसवे बन रहे हैं, जिनमें से आधे से ज्यादा कार्यरत हो गए हैं। आधुनिक तकनीक से बन रहे इन एक्सप्रेसवे में अहमदाबाद से धोलेरा के बीच बन रहा एक्सप्रेसवे (Ahmedabad-Dholera expressway) अपने आप में काफी विचित्र है। बता दें कि यह देश का पहला हाईस्पीड इंटीग्रेटेड मल्टीमॉडल कॉरिडोर (High Speed Integrated Multimodal Corridor) है। इस एक्सप्रेसवे की खास बात यह है कि इस कॉरिडोर पर हाईस्पीड ट्रेन और कार आपको साथ-साथ दौड़ते नजर आएंगे। 109 किमी लंबे इस एक्सप्रेसवे के निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। इसके अगले साल जनवरी तक पूरा कर लिए जाने की उम्मीद है।
करीब 4200 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे की कुल चौड़ाई 120 मीटर है। इसमें से 90 मीटर पर एक्सप्रेसवे बनेगा और 30 मीटर चौड़ी पट्टी पर रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) बनाया जा सकेगा। फिलहाल देश का पहला आरआरटीएस कॉरिडोर दिल्ली और मेरठ के बीच बनाया जा रहा है। इस पर 160 से 180 किमी की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ेंगी। इस तरह इस कॉरिडोर के पूरी तरह चालू हो जाने पर आपको ट्रेनें और कारें साथ दौड़ती हुई दिखेंगी। इस एक्सप्रेसवे पर कार की अधिकतम गति सीमा 120 किमी प्रति घंटा होगी। इस एक्सप्रेसवे को गुजरात राज्य की रीढ़ माना जाता है, क्योंकि यह कई लोगों के लिए निवेश के अवसर प्रदान करेगा। इसके अलावा कई अन्य लाभ हैं, जो इस परियोजना के तहत लोगों को मिलेगा।
अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे से मिलेंगे ये लाभ
1.अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे यात्रियों के लिए बेहतर, सुगम, सुरक्षित और तेज संपर्क प्रदान करेगा।
2.इससे प्रदूषण में काफी हद तक कमी आएगी, क्योंकितेज गति वाले यातायात में उत्सर्जन कम होता है।
3.इससे दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी, क्योंकि NHAI द्वारा गति सीमा निर्धारित की जाती है। अगर कोई वाहन इस नियम को तोड़ता है तो वाहन मालिक को जुर्माना भरना होगा।
4.यह एक्सप्रेसवे निवेशकों को आकर्षित करेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
5.एक्सप्रेसवे पर विश्राम क्षेत्र, सर्विस रोड, पैदल यात्रियों और मवेशियों के लिए अंडरपास, वृक्षारोपण, यातायात सहायता पोस्ट, आपातकालीन दूरसंचार प्रणाली, आपातकालीन चिकित्सा सहायता पोस्ट, स्ट्रीट लाइट आदि सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।
6.बेहतर सामाजिक और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के कारण इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।
7.स्थानीय पर्यटन भी बढ़ेगा, क्योंकि कॉरिडोर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ा है, लोग आसानी से दिल्ली या मुंबई से गुजरात की यात्रा कर सकते हैं।