Farmers Protest: पुलिस एक्शन के डर से रातभर जागते रहे आंदोलनकारी किसान, गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के कैंप की बिजली काटी
Farmers Protest: गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर हुई हिंसा के बाद कई किसान संगठनों ने आंदोलन से अलग होने का फैसला किया है। किसानों का कहना है कि तिरंगे की जगह कोई धार्मिक झंडा मंजूर नहीं है। किसान आंदोलन को लेकर देर रात गाजीपुर बॉर्डर में हंगामे की स्थिति बन गई।;
Farmers Protest: गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर हुई हिंसा के बाद कई किसान संगठनों ने आंदोलन से अलग होने का फैसला किया है। किसानों का कहना है कि तिरंगे की जगह कोई धार्मिक झंडा मंजूर नहीं है। किसान आंदोलन को लेकर देर रात गाजीपुर बॉर्डर में हंगामे की स्थिति बन गई। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का आरोप है कि पुलिस ने रात को इनके कैंप की बिजली काट दी। किसानों ने पुलिस और सरकार पर आंदोलन को अस्थिर करने का आरोप आरोप लगाया है।
आपको बता दें कि दिल्ली में हुई हिंसा के बाद किसान संगठनों में दरार देखने को मिल रही है। नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने धरना खत्म करने का ऐलान किया है। वहीं, मजदूर किसान यूनियन ने भी आंदोलन से अलग होने का एलान कर दिया है, जिसके बाद से चिल्ला बॉर्डर से बेरिकेड्स हटा दिए गए हैं।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रशासन ने आज माहौल खराब कर दिया है। लाइट बंद कर दी। डर का माहौल बनाया जा रहा है। इसलिए हम लोग यहां रात में जाग रहे हैं। प्रशासन चाहता है कि हमारा आंदोलन खत्म हो जाए। टिकैत ने दिल्ली पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने के सवाल पर कहा कि जब आंदोलन कर रहे है, तब मामला दर्ज किया जाएगा।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर दिल्ली पुलिस जांच को ज्वॉइन करने के लिए बुलाएगी तो जरूर जाएंगे। कुछ किसान संगठनों द्वारा प्रदर्शन वापस लेने पर टिकैत ने कहा कि गाजीपुर बॉर्डर पर बिजली कटते ही वो लोग भी गायब हो गए। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा आंदोलन जारी रहेगा, लाल किले पर जो कुछ हुआ और जिसने भी किया, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, जो भी हुआ और जिसने भी किया, हम उनके साथ नहीं है, ट्रैक्टर रैली का जो रूट था, उस पर पुलिस ने जाने नहीं दिया।
किसानों के उकसाने वाले वीडियो पर राकेश टिकैत ने कहा कि हमने उसमें गलत कुछ नहीं कहा, डंडे में ही झंडा लगता है तो उसमें गलत क्या है। आंदोलन को खत्म करने की सरकार की चाल है। किसान नेता भीम सिंह के आंदोलन छोड़ने पर राकेश टिकैत ने कहा कि उनका यह फ़ैसला दुर्भाग्यपूर्ण है।