FATF : आतंकी गतिविधियों को रोकने में नाकाम रहा पाकिस्तान, लगेंगे ये प्रतिबंध, होगा नुकसान भी
फ्रांस की राजधानी पेरिस में हो रही फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक शुरू हो चुकी है। जिसमें अब पाकिस्तान पर आतंकवादी गतिविधियों को न रोक पाने पर कार्रवाई हो सकती है।;
फ्रांस की राजधानी पेरिस में हो रही फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक शुरू हो चुकी है। जिसमें अब पाकिस्तान पर आतंकवादी गतिविधियों को न रोक पाने पर कार्रवाई हो सकती है। ऐसे में माना जा रहा है कि क्या अमेरिका पाकिस्तान का समर्थन कर सकता है।
तो वहीं दूसरी तरफ इस बैठक में कम से कम 12 देशों का समर्थन पाकिस्तान को चाहिए होगा। अगर पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में शामिल है, अगर पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगता है, तो इससे उसको आर्थिक रूप से नुकसान होगा।
जानकारी के लिए बता दें कि पाकिस्तान को एफएटीएफ ने ग्रे लिस्ट में डाल रखा है, क्योंकि उसने आतंकवादी गतिविधियों को रोकने में नाकाम रहा। उसने अपने देश में हाफिज सईद और लखनी जैसे आतंकवादियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। जिसके चलते माना जा रहा है कि पाकिस्तान को बैठक में ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है।
वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान की तरफ से आतंकी संगठनों और संयुक्त राष्ट्र की तरफ से घोषित आतंकवादियों को सुरक्षित वातावरण पाकिस्तान की तरफ से करवाया जा रहा है।
अभी ग्रे-लिस्ट में है पाकिस्तान
जानकारी के लिए बता दें कि बीते साल 2019 में हुई एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था। जिसके बाद से अब माना जा रहा है कि उसे पूरी तरह से ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है। ग्रे लिस्ट में जाने का मतलब है कि आर्थिक रूप से पाकिस्तान को नुकसान होगा। ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए कर्ज़ के बोझ तले दबे पाकिस्तान ने बीते अगस्त महीने में ही करीब 88 आतंकी समूहों पर प्रतिबंध जारी किए थे।
बता दें कि ऐसे ऐसे एफएटीएफ ने आतंकवाद को रोकने और मनी-लॉन्डरिंग के खिलाफ कदम उठाने को लेकर 27 बिंदुओं का एक्शन प्लान बनाया था। अमेरिका ने अपनी रिपोर्ट में पाकिस्तान को भारत, अफगानिस्तान और श्रीलंका में आतंकी हमले करने वाले संगठनों के पलने की जगह बताया था। उन सभी देशों को ग्रे लिस्ट में ही रखने का फैसला किया था, जो पहले से इसमें शामिल थे। वहीं, जिन देशों को ब्लैक लिस्ट में रखा गया था, वो भी उसी में ही रहेंगे।