विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला बोले- प्रधानमंत्री मोदी और यूके पीएम बोरिस जॉनसन ने एफटीए वार्ता पर चर्चा की, यूक्रेन को लेकर दिया ये बयान

प्रधानमंत्री के रूप में बोरिस जॉनसन की ये भारत की पहली यात्रा है। दोनों नेताओं ने कई मुद्दों, व्यापार और रोज़गार के अवसरों पर चर्चा की।;

Update: 2022-04-22 11:21 GMT

ब्रिटेन (यूके- UK) के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (UK Prime Minister Boris Johnson) और पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के बीच हुई बैठक पर विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला (Foreign Secretary Harsh Vardhan Shringla) ने बयान दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा है कि द्विपक्षीय वार्ता (Bilateral Talks) के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एफटीए वार्ता पर चर्चा की। दोनों पक्ष ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, व्यापार, रक्षा पर निगम के लिए सहमत हुए हैं। 

प्रधानमंत्री के रूप में बोरिस जॉनसन की ये भारत की पहली यात्रा है। दोनों नेताओं ने कई मुद्दों, व्यापार और रोज़गार के अवसरों पर चर्चा की। साइबर सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, अंतरिक्ष और अन्य तकनीकों पर भी चर्चा की है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने यूक्रेन मुद्दे पर अपने विचारों पर चर्चा की। हम चाहते हैं कि ये विवाद जल्द सुलझ जाए।

भारत-प्रशांत महासागर पहल में यूके के शामिल होने का भारत स्वागत करता है। दोनों देश समुद्री सुरक्षा स्तंभ के तहत और एक खुले मुक्त और सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखने के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता की दिशा में इस क्षेत्र में निकट सहयोग करने पर सहमत हुए हैं। विदेश सचिव ने आर्थिक अपराधियों के मुद्दे पर कहा कि हम कुछ समय से यूके के साथ विभिन्न स्तरों पर इस मामले को उठा रहे हैं।

हमारा उद्देश्य उन आर्थिक भगोड़ों को वापस लाना है जो भारत में वांछित हैं। द्विपक्षीय वार्ता के दौरान इस मामले पर हुई चर्चा है। विदेश सचिव ने बताया कि दोनों नेताओं ने रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भी चर्चा की। पीएम मोदी ने यूक्रेन की स्थिति और बढ़ते मानवीय संकट पर गहरी चिंता व्यक्त की है।

प्रधानमंत्री ने हिंसा की तत्काल समाप्ति के लिए अपने आह्वान को दोहराया और स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान के लिए जोरदार वकालत की है। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि भारत ने ब्रिटेन के पीएम जॉनसन के सामने खालिस्तान का मुद्दा उठाया, जिन्होंने कहा कि ब्रिटेन भारत की चिंताओं के प्रति संवेदनशील है और इस मुद्दे को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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