पूर्व सीएम जयललिता की मौत पर न्यायमूर्ति ए अरुमुघस्वामी जांच आयोग ने पेश की रिपोर्ट, सहयोगी शशिकला समेत अन्य 4 अहम दोषी
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि जयललिता और वी के शशिकला के बीच अच्छे संबंध नहीं थे। प्राकृतिक मौत की जगह अम्मा की मौत की जांच होनी चाहिए।;
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता (Former Tamil Nadu chief minister J Jayalalithaa) की साल 2016 में हुई मौत के मामले में न्यायमूर्ति ए अरुमुघस्वामी के जांच आयोग (Justice A Arumughaswamy Commission of inquiry) ने अपनी रिपोर्ट में वीके शशिकला (VK Shashikala) को जिम्मेदार ठहराया है। आयोग ने कहा कि जयललिता की सहयोगी को दोषी पाया गया है और इस मामले की जांच के आदेश दिए जाने चाहिए। ऐसे में अब गेंद राज्य सरकार के पाले में है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में जयललिता की मौत और साल 2018 में थूथुकुडी जिले में हुई पुलिस फायरिंग मामले की जांच की अलग अलग रिपोर्ट को पेश किया। इस पैनल ने शशिकला के साथ अन्य लोगों के नामों का भी जिक्र किया है।
जस्टिस अरुणा जगदीशन के जांच आयोग ने साल 2018 में राज्य के थूथुकुडी में स्टारलाइट के खिलाफ प्रदर्शन की जांच की। जिसमें दावा किया गया है कि इस फायरिंग मामले में 13 लोग जिंदा जल गए थे और इस मामले में पुलिस प्रशासन को दोषी ठहराया गया है। इससे पहले आयोग ने पूर्व एआईएडीएमके सुप्रीमों के अस्पताल में भर्ती होने की परिस्थियों की जांच की रिपोर्ट को सीएम एमके स्टालिन को सौंपी है।
जानकारी के लिए बता दें कि रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि डीएमके के नेतृत्व वाली सरकार को शशिकला, पूर्व मुख्य सचिव रामा मोहन राय, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभास्कर और अन्य के खिलाफ जांच करने चाहिए। स्टेट कैबिनेट ने 600 पन्नों की इस रिपोर्ट पर चर्चा की और फैसला किया है कि वह इस रिपोर्ट के संबंध में कानून विशेषज्ञों से राय लेंगे। 22 सितंबर 2016 को जयललिता को चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां उनका 75 दिनों तक इलाज हुआ और 5 दिसंबर को उनका निधन हो गया।