पंजाब के पूर्व CM अमरिंदर सिंह थामेंगे भाजपा का दामन, अपनी पार्टी का भी करेंगे विलय!

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सोमवार को भाजपा में शामिल हो सकते हैं। कैप्टन के करीबी लोगों ने इसकी पुष्टि की है। कैप्टन के साथ पंजाब के अन्य कई नेता में भजपा की सदस्यता ले सकते हैं।;

Update: 2022-09-16 11:09 GMT

दो बार पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री (CM) रहे और पंजाब लोक कांग्रेस (Punjab Lok Congress) के अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) अगले हफ्ते दिल्ली (Delhi) में भाजपा (BJP) का दामन थाम सकते हैं। वे अपनी पार्टी का भी भाजपा में विलय कर सकते हैं। कैप्टन ने करीबी सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है। सूत्रों के मुताबिक कैप्टन सोमवार को दिल्ली में अपने परिवार और अन्य नेताओं के साथ भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) के सामने भाजपा की सदस्यता (Membership) ले सकते हैं। हालांकि कैप्टन के एक करीबी का कहना है कि ये कार्यक्रम भले ही सोमवार को ना हों, लेकिन अगले ही हफ्ते में जरुर हो जायेगा। कैप्टन ने अभी कुछ दिनों पहले ही इलाज के लिए लंदन जाने से पहले गृह मंत्री अमित शाह (Amit shah) से भी मुलाकात की थी।

नाराज होकर चुनाव से ठीक पहले बनाई पार्टी

कांग्रेस के सीनियर नेता रहे अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के बाद सिंह पिछ्ले साल नवंबर में ही अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का गठन किया था। उनकी अपनी पार्टी के पंजाब के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) से खुलकर अदावत चल रही थी। सिद्धू ने भी डटकर कैप्टन के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। इसी सत्ता संघर्ष के बीच कांग्रेस हाईकमान ने कैप्टन को इस्तीफ देने को कहा था। जिसके बाद कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया था। इन सब बातों से नाराज होकर कैप्टन ने पंजाब लोक कांग्रेस का गठन किया। कांग्रेस के कई नेता भी कैप्टन के साथ चले गए थे।

भाजपा के साथ लड़ा चुनाव, मिले नोटा से भी कम वोट

कैप्टन भाजपा के साथ गठबंधन करके चुनाव मैदान में उतरे, लेकिन एक भी सीट जीतने में नाकाम रहे। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने क्लीन स्वीप करते हुए कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा को बुरी तरह पटकनी दी थी। कैप्टन खुद अपनी गृह सीट से चुनाव हार गये थे, जिससे वो लगातार चार बार के विधायक थे। कैप्टन की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस की भी इस चुनाव में बेहद खराब हालत रही और नोटा (NOTA) से भी कम वोट मिले थे। कैप्टन ने खुद ट्वीट करके अपनी हार भी स्वीकारी थी। इसी के बाद से उनके भाजपा में शामिल होने के कयास लगाये जा रहे थे। 

पत्नी का पता नहीं, परिवार और अन्य नेता होंगे साथ

कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ उनकी बेटी जयइंदर कौर, बेटा रणइंदर सिंह और नाती निर्वाण सिंह सहित कांग्रेस के करीब आधा दर्जन पूर्व विधायक भी भाजपा की सदस्यता ले सकते हैं। कैप्टन की पत्नी और पटियाला (Patiala) से कांग्रेस सांसद परनीत कौर (Preneet Kaur) के भाजपा में शामिल होने के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है। परनीत कौर पूरी तरह से कैप्टन के साथ हैं और गाहे-बगाहे अपने पति का समर्थन भी करती रहती हैं। कौर ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ प्रचार भी किया था, लेकिन उन्होंने अभी तक कांग्रेस से इस्तीफ़ा नहीं दिया है। कांग्रेस ने भी अभी तक उनको पार्टी से निष्कासित (Expelled) नहीं किया है। अगर परनीत कौर बिना कांग्रेस के निष्कासन के किसी दूसरी पार्टी में शामिल होती हैं, तो उनकी संसद की सदस्यता चली जायेगी। और यदि कांग्रेस ही उनको निष्कासित कर देती है, तो वे किसी भी पार्टी में जान के लिए आजाद हैं। इसलिए न वो कांग्रेस से इस्तीफा दे रहीं हैं और ना कांग्रेस उनको निकाल रही है।

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