जानें किसके कहने पर राजनीति में उतरें थे कल्याण सिंह, इन्हें मानते थे अपना राजनीतिक गुरु
बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री (UP Former CM) कल्याण सिंह (Kalyan Singh) का 89 साल की उम्र में शनिवार को निधन हो गया। आइए जानते हैं कि किसान परिवार में जन्मे कल्याण सिंह राजनीति में कैसे सक्रिय हुए और वह किसे अपना राजनीतिक गुरु मानते थे।;
Kalyan Singh : बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री (UP Former CM) कल्याण सिंह (Kalyan Singh) का 89 साल की उम्र में शनिवार को निधन हो गया। उनके निधन से पूरे देश में शौक की लहर है। कल्याण सिंह का अंतिम संस्कार 23 अगस्त को उनके पैतृक गांव अतरौली के नरौरा में गंगा घाट पर किया जाएगा। वे काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वह राजस्थान और हिमाचल के पूर्व राज्पाल भी रह चुके थे। आइए जानते हैं कि किसान परिवार में जन्मे कल्याण सिंह आखिर कैसे राजनीति में कैसे सक्रिय हुए और वह किसे अपना राजनीतिक गुरु मानते थे।
कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी 1932 को अलीगढ़ के मढ़ौली गांव में हुआ था। वह एक किसान परिवार से संबंध रखते थे। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह एक बाल स्वयं सेवक थे, उनकी सक्रियता राष्ट्रीय स्वयंसेवक में बनी रही। कल्याण सिंह ने कड़ी मेहनत और विपरित परिस्थितियों का सामना करते हुए उच्च शिक्षा प्राप्त की और शिक्षक अध्यापन शुरू कर दिया। वह आरएसएस से जुड़े हुए थे तो वहां से राजनीति के गुर भी सीखते रहें।
आरएसएस के प्रचारक मांगीलाल शर्मा को अपना गुरु मानते थे कल्याण सिंह
कहा जाता है कि कल्याण सिंह को राजनीति में लाने का श्रेय आरएसएस के प्रचारक मांगीलाल शर्मा को जाता है। जानकारों की मानें तो जब कल्याण सिंह ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तो उस दौरान उन्होंने मंच से मंगीलाल शर्मा का स्मरण करते हुए उन्हें अपना राजनीतिक गुरु बताया था। कल्याण सिंह राजनीति में नहीं बल्कि संघ में ही रहकर काम करना चाहते थे, लेकिन मंगीलाल शर्मा के कहने पर ही वह राजनीति में आएं और लगातार बुलंदियों को छुते चले गए। साल 1967 में कल्याण सिंह ने अपना पहला चुनाव अतरौली से जीता था और इसके बाद वह यूपी विधानसभा पहुंचे थे।
आपातकाल के दौरान जेल में रहे थे मांगीलाल शर्मा
खबरों के मुताबिक, आरएसएस के प्रचारक मांगीलाल शर्मा साल 1967 से लगातार 1980 तक उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहें। वह आपात काल के समय 1975-76 में 21 माह तक जेल में रहे और तमाम यात्नाएं सहन की। इस दौरान कल्याण सिंह को भी अलीगढ़ और बनारस की जेलों में रखा गया था। जब आपातकाल खत्म हुआ तो 1977 में राम नरेश यादव को यूपी का सीएम बनाया गया। उनकी सरकार में कल्याण सिंह को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था। 1980 के यूपी विधानसभा चुनावों में कल्याण सिंह चुनाव हार गए थे। बीजेपी के गठन के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश का संगठन महामंत्री बनाया गया था।