Haribhoomi Explainer: श्रीनगर में G-20 की बैठक शुरू, नाटू-नाटू सॉन्ग पर झूमे विदेशी मेहमान
Haribhoomi Explainer: जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में आज से G-20 की बैठक ( G-20 Summit) शुरू हो चुकी है। 30 साल में पहला मौका है, जब अंतरराष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस आयोजन में किसी तरह का खलल न पड़े, इसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। हरिभूमि एक्सप्लेनर में हम आपको जी-20 के इतिहास और उद्देश्य के अलावा तमाम जानकारियां बताने जा रहे हैं।;
Haribhoomi Explainer: जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के श्रीनगर (Srinagar) में आज से जी-20 बैठक की शुरू हो चुकी है। भारत इस साल जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। इस बैठक में शामिल होने के लिए 16 देशों के प्रतिनिधि और लेटिन संगठन के 65 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। सुपर स्टार रामचरण ने जी20 प्रतिनिधियों के साथ ऑस्कर विजेता 'नाटू-नाटू' गाने की धुन पर डांस किया। करीब 30 साल में यह पहला मौका है, जब विदेशी मेहमान जम्मू-कश्मीर में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं। आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर में आपको बताएंगे कि जी-20 क्या है, इसकी बैठक कश्मीर में होने के क्या मायने हैं। साथ ही जी-20 बैठक को लेकर किए गए सुरक्षा इंतजामों पर भी प्रकाश डालेंगे।
जी-20 बैठक का लक्ष्य
जम्मू और कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर आज से 24 मई तक दो दिवसीय जी-20 वर्किंग ग्रुप की बैठक की मेजबानी कर रहा है। यह दिल्ली में सितंबर में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन से पहले बैठकों की श्रृंखला का एक हिस्सा है। यह बैठक पर्यटन कार्य समूह के लिए की जा रही है। इस बैठक में विदेशी पर्यटन की संभावनाओं पर मंथन होगा।
क्या है G-20, जिससे पाक और चीन भी घबराया है
G-20 यानी ग्रुप आफ ट्वेंटी, यह दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील देशों का एक समूह है। इसमें 20 देश शामिल है। इन देशों में रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, तुर्की,यूनाइटेड किंगडम,संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ शामिल हैं। जी-20 की बैठक को लेकर केवल पाकिस्तान ही नहीं बल्कि चीन भी बौखलाया हुआ है। इसके बारे में बताने से पहले बताते हैं कि आखिर G-20 की स्थापना कब हुई और अब तक कौन रहे इसके अध्यक्ष।
कब हुई G-20 की स्थापना
G-20 की स्थापना 1999 में अमेरिका में 20 वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नर्स के द्वारा की गई थी। G-20 का पहला शिखर सम्मेलन 2008 में अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा एशिया में आए वित्तीय संकट को लेकर शुरू किया गया था । तब से प्रत्येक वर्ष G-20 सम्मेलन होने लगा। इस सम्मेलन की मेजबानी भारत पहली बार कर रहा है।
भारत G-20 का अध्यक्ष
1 दिसंबर 2022 से लेकर 30 नवंबर 2023 तक भारत G-20 की अध्यक्षता कर रहा है। यह भारतवासी के लिए गौरव की बात है।
पाकिस्तान और चीन क्यों बौखलाया
कश्मीर में हो रहे G-20 की बैठक को लेकर पाकिस्तान (Pakistan) की बौखलाहट सामने आई है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि भारत सम्मेलन के जरिए कश्मीरियों की आवाज नहीं दबा सकता है। अगर भारत कश्मीरियों की आवाज दबाने की सोच रहा है, तो वह गलत है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत एक तरफ खुद को एक महाशक्ति के रूप में पेश कर रहा है, तो दूसरी तरफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के संकल्प का उल्लंघन कर रहा है।
चीन ने भी दिखाई आंखें
अरुणाचल की राजधानी ईटानगर में हुई G-20 की बैठक में चीन ने हिस्सा नहीं लिया था। अरुणाचल प्रदेश बिना किसी विवाद के भारत का हिस्सा है और चीन भारत के इस राज्य को अपना बनाने की कोशिश में लगा रहता है। अरुणाचल प्रदेश में चीन-भारत सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प अक्सर होती रहती है। चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से भी G-20 बैठक से पहले कहा गया था कि अगर हमारी जमीन पर घुसपैठ हुई तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर चीन के पड़ोसी देशों की भी मानें तो चीन का हर वक्त प्रयास रहता है कि अपने आसपास की जमीनों पर कब्जा कर ले।
आतंकवादी हमले के अलर्ट पर सुरक्षा इंतजाम चाक चौबंद
श्रीनगर 1989 से भारत सरकार के खिलाफ आतंकवादी समूहों के विद्रोह के केंद्र में रहा है। हाल के वर्षों में हिंसा में कमी के बावजूद विवादित क्षेत्र में दसियों हजार लोग मारे गए हैं। इसी वजह से यूएन के एक दूत ने वहां जी20 बैठक आयोजित करने पर ऐतराज जताया था। यूएन दूत ने जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया था, जिसके जवाब में भारत सरकार ने इन आपत्ति को आधारहीन और अवांछित बताकर सिरे से खारिज कर दिया था। बैठक को लेकर भारत सरकार अपनी पूरी तैयारी से है।
घाटी के पुलिस प्रमुख विजय कुमार ने बताया कि शहर में जगह-जगह पर कमांडो तैनात किए गए हैं और आतंकवाद विरोधी बल के सदस्यों को भी विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया है। साथ ही मरीन कमांडो डल झील में गश्त कर रहे हैं। इसके अलावा सुरक्षाकर्मी जमीन पर निगरानी रखे हुए हैं। श्रीनगर में इस ग्लोवल इवेंट को देखते हुए थ्री लेयर सिक्योरिटी का इंतजाम किया गया है।
30 साल बाद अंतरराष्ट्रीय आयोजन
कश्मीर घाटी में 30 साल के बाद पहला कोई बड़ा अंतरराष्ट्रीय स्तर का आयोजन है। 1986 में भारत व ऑस्ट्रेलिया में वनडे मैच (ODI Cricket) खेला गया था। जिसके बाद से ही घाटी में कोइ अंतरराष्ट्रीय स्तर का आयोजन नही हुआ। कश्मीर के मौजूदा हालात बहुत ठीक न होने के कारण भारत सरकार द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं । श्रीनगर में आतंकियों ने जी-20 की बैठक में खलल डालने के प्रयास तेज कर दिए हैं। इस साल अब तक जम्मू-कश्मीर में चार हमलों में दस भारतीय सैनिक और सात नागरिक मारे जा चुके हैं। भारतीय सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि वे इस बात को लेकर चिंतित हैं कि आतंकवादी संगठन जी-20 शिखर सम्मेलन में हमला करके कोशिश कर रहे हैं।
Also Read: लॉरेंस बिश्नोई ने NIA के सामने किए कई खुलासे, बोला- टारगेट पर Salman के अलावा ये नाम