गुलाम नबी आजाद बोले, नेताओं को तोते की तरह पिंजरे में बंद करने से कश्मीर में तरक्की नहीं होगी
7 महीने से नजरबंद नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारूक अब्दुल्ला रिहा होने के बाद अपने बेटे उमर अब्दुल्ला से मिलने के लिए जेल में पहुंचे।;
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शनिवार को श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला से मुलाकात की। इस मौके उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि साढ़े सात महीने के बाद फारूक अब्दुल्ला जी से मुलाकात हुई। मुझे आज तक समझ नहीं आया कि इन्हें नजरबंद क्यों किया गया था। आर्टीकल 370 हटाने से पहले ही इन्हें नजरबंद कर दिया गया था।
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि नेताओं को तोते की तरह पिंजरे में बंद करने से कश्मीर में तरक्की नहीं होगी। नेताओं को छोड़ना होगा, रिहा करना होगा, राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करनी होगी। यहां चुनाव करवाए जाएं और जम्मू-कश्मीर के लोग जिसे चाहें उसे सत्ता में लाएं। आज 7 महीने से नजरबंद नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारूक अब्दुल्ला रिहा होने के बाद अपने बेटे उमर अब्दुल्ला से मिलने के लिए जेल में पहुंचे।
5 अगस्त से हिरासत में हैं कई नेता
बता दें कि फारूक अब्दुल्ला को उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और अन्य नेताओं के साथ 5 अगस्त 2019 को हिरासत में ले लिया गया था। कुछ दिन पहले 8 विपक्षी पार्टियों ने भाजपा नेतृत्व वाली सरकार से मांग की थी कि हिरासत में रखे गए सभी नेताओं को रिहा किया जाए। हिरासत में रखे गए नेताओं में फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती शामिल हैं।