सरकार और किसान अपनी बातों पर अड़े, तोमर बोले- हम इससे बेहतर कुछ नहीं कर सकते
आज किसानों और केंद्र सरकार के बीच 11वें दौर की वार्ता भी विफल रही। यहां तक कि इस बैठक में अगली बैठक को लेकर कोई तारीख तक तय नहीं हो सकी। ऐसे में साफ है कि अब दोनों पक्ष अपने स्थान से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।;
आज किसानों और केंद्र सरकार के बीच 11वें दौर की वार्ता भी विफल रही। यहां तक कि इस बैठक में अगली बैठक को लेकर कोई तारीख तक तय नहीं हो सकी। ऐसे में साफ है कि अब दोनों पक्ष अपने स्थान से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। बहरहाल, बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अगली बैठक के लिए कोई तारीख तय नहीं की गई, सरकार ने यूनियनों को दिए गए सभी संभावित विकल्पों के बारे में बताया, उनसे कहा कि उन्हें कानूनों को स्थगित करने के प्रस्ताव पर अंदरूनी चर्चा करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर कानूनों को फिलहाल लागू नहीं करने का जो प्रस्ताव किसानों को दिया गया है, उससे बेहतर कुछ और नहीं हो सकता है। वहीं दूसरी ओर किसान नेताओं ने कहा कि ये बैठक बेशक लगभग पांच घंटे तक चली हो, लेकिन दोनों पक्ष 30 मिनट से कम समय तक आमने-सामने बैठे।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यूनियनों से कहा कि यदि किसान तीनों कृषि कानूनों को स्थगित करने के प्रस्ताव पर चर्चा करना चाहते हैं तो सरकार एक और बैठक के लिए तैयार है। इसके साथ ही कृषि मंत्री तोमर ने सहयोग के लिए यूनियनों को धन्यवाद दिया, और कहा कि कानूनों में कोई समस्या नहीं है लेकिन सरकार ने किसानों के सम्मान के लिए इन कानूनों को स्थगित रखे जाने की पेशकश की।
आज किसानों और केंद्र सरकार के बीच बैठक में सरकार की तरफ से कहा गया कि 1.5 साल की जगह 2 साल तक कृषि क़ानूनों को स्थगित करके चर्चा की जा सकती है। वहीं सरकार के इस प्रस्ताव पर किसान तैयार हैं तो कल फिर से बात की जा सकती है, कोई अन्य प्रस्ताव सरकार ने नहीं दिया है।
वहीं 11वें दौर की बातचीत के बाद सरकार द्वारा जो प्रस्ताव दिया गया था वो हमने स्वीकार नहीं किया। कृषि क़ानूनों को वापस लेने की बात को सरकार ने स्वीकार नहीं की। अगली बैठक के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं हुई है। किसान नेता