Haribhoomi Explainer: विपक्ष एकता पर मंडराने लगे खतरे के बादल, पढ़िये 'चक्रव्यूह' में कौन-कौन लगा रहे सेंध
Haribhoomi Explainer: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए एकजुट होने की कोशिश कर रहे विपक्षी दलों ने 23 जून को ही नीतीश कुमार के नेतृत्व में महाबैठक की थी और साथ चुनाव लड़ने की बात कही थी। इस बैठक को हुए एक हफ्ता भी नहीं हुआ, विपक्षी नेताओं के सुर बदले-बदले नजर आने लगे हैं। आम आदमी पार्टी और ममता बनर्जी कांग्रेस पर जमकर हमला बोल रहे हैं, तो वहीं कांग्रेस भी पलटवार कर रही है। आइए आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर के माध्यम से जानते हैं कि विपक्षी एकता गठबंधन की बैठक में 2024 का रण एक साथ लड़ने की बात करने के बाद भी क्यों विपक्षी दल एक दूसरे पर हमला बोल रहे हैं। साथ ही जानेंगे कि क्या यह गठबंधन बनने से पहले ही टूट जाएगा।;
Haribhoomi Explainer: विपक्षी दलों (Opposition Parties) की 24 जून को पटना (Patna) में 15 दलों ने बैठक की थी, ताकि विपक्षी एकता को मजबूत किया जा सके। तय हुआ था कि दूसरी बैठक श्रीनगर (Srinagar) में होगी और तिथि भी जल्द निर्धारित कर दी जाएगी। हालांकि तिथि निर्धारित भी नहीं हुई कि अभी सेे बैठक में शामिल कई दल आपस में भिड़ने लगे हैं। आम आदमी पार्टी ने तो पहले ही संकेत दे दिया था कि अगर अध्यादेश पर कांग्रेस हमारा समर्थन नहीं करती तो हम उस बैठक मेंं हिस्सा नहीं लेंगे, जिसमें कांग्रेस मौजूद होगी। वहीं, कांंग्रेस ने भी सख्त तेवर दिखाकर कहा था कि यह बैठक विपक्षी दलों की एकता के लिए है, न कि किसी नेता की मांग को पूरा करने के लिए। यही नहीं, ममता बनर्जी नेे भी कुछ ऐसी ही बात दोहराई थी। खास बात है कि विपक्ष एकता बैठक करने वाले नीतीश कुमार ने आग्रह किया था कि कोई भी ऐसा बयान न दें, जिससे इस बैठक की साथर्कता खत्म हो जाए। नीतीश की इस नसीहत के बावजूद रोजाना ऐसे बयान सामने आ रहे हैं, जो दर्शाता है कि बीजेपी के खिलाफ रचे गए चकव्यूह में सेंंध लगनी शुरू हो चुकी है। आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर में आपको बताते हैं कि क्या विपक्ष में एकता आएगी या फिर बीजेपी ही मिशन 2024 की विजेता बनेगी।
राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं
कहा जाता है कि राजनीति में कुछ भी स्थाई नहीं होता है। ऐसी तस्वीर 24 जून को पटना में देखी थी। 24 जून को पटना के एक ही मंच पर अन्य विचारधारा वाली पार्टियां एकत्रित हुईं। 2024 लोकसभा चुनाव जीतने के लिए फॉर्मूले पर मंथन हुआ। ममता बनर्जी ने फॉर्मला दिया कि जिस राज्य में मजबूूत दल है, उसे अधिक सीट दी जाए। अन्य नेताओं ने भी कई सुझाव रखे। कहा जा रहा था कि अगर यह फॉर्मूला लागू होता है तो बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है, लेकिन इसके लिए कांग्रेस को वोट शेयर का नुकसान झेलना पड़ेगा। शायद यही कारण था कि बीजेपी ने पहलेे ही दिन से कहना शुरू कर दिया था कि पटना में विपक्षी एकता बैठक महज फोटोसेशन के लिए है। बीजेपी की यह बात इस बैठक के दूसरे दिन ही सही साबित होने लगी। आम आदमी पार्टी ने फरमान सुना दिया कि अगर कांग्रेस अध्यादेश के मुद्दे पर हमारा समर्थन नहीं करेगी तो हम भी उस बैठक में हिस्सा नहींं लेंगे, जहां कांग्रेस मौजूद होगी। इसके बाद कांग्रेस ने भी पलटवार किया कि बैठक विपक्ष एकता के लिए थी, न कि अध्यादेश के समर्थन के लिए थी।
आप ने विपक्ष के उलट चली चाल
आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से लड़ने के बाद पूरे विपक्ष के उलट चलना शुरू कर दिया है। दरअसल, पूरा विपक्ष समान नागरिक संहिता का विरोध कर रहे हैं, वहीं आम आदमी पार्टी ने इसका समर्थन किया है, लेकिन कहा है कि समान नागरिक संहिता के बहाने भेदभाव नहीं होना चाहिए। आम आदमी पार्टी के इस फैसले ने पूरे विपक्ष को चौंका दिया है।
ममता ने कांग्रेस को बीजेपी की बी पार्टी बताया
बंगाल पंचायत चुनाव के प्रचार के दौरान ममता बनर्जी ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस पर जमकर बरसीं। चुनाव प्रचार में ममता बनर्जी ने कहा कि वह तो केंद्र में बीजेपी के खिलाफ एक बड़ा विपक्षी गठबंधन बनाने का कोशिश कर रहीेेें हैं, लेकिन कांग्रेस पश्चिम बंगाल में बीजेपी के साथ मिलकर काम करने का प्रयास करके इसमें बाधा उत्पन्न कर रही हैं। इस दौरान ममता ने कहा कि कांग्रेस बीजेपी की बी पार्टी बन गई है।
कांग्रेस ने किया पलटवार
ममता बनर्जी के बयान पर कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में टीएमसी की विश्वसनीयता हमेशा सवालों के घेरे में रही है। हम सभी जानते हैं कि बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में टीएमसी ने पिछले कुछ वर्षों में कैसी भूमिका निभाई है। आगे उन्होंने कहा कि 12 साल बाद पंचायत चुनाव के लिए मुख्यमंत्री बनर्जी का प्रचार करना टीएमसी की कमजोरी को दर्शाता है। उन्हें इस बात का एहसास हो गया है कि अगर वह मैदान में नहीं उतरेंगी तो उनकी हार जाएगी।
विपक्षी एकता के बचाव में आए उमर अब्दुल्ला
इन सब बयानों के बीच जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला (Umar Abdullah) ने विपक्षी एकता का बचाव करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया इस बात का सबूत है कि पटना में विपक्षी दलों की बैठक सफल रही है। आने वाला समय बताएगा कि विपक्षी दलों की बैठक एक फोटो शूट था या नहीं। इस बैठक का नतीजा जानने के लिए बीजेपी को 2024 लोकसभा चुनाव के परिणाम तक इंतजार करना पड़ेगा।
रामाराव का सोनिया समेत विपक्ष पर हमला
तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर के बेटे और तेलंगाना सरकार (Government of Telangana) के मंत्री केटी रामाराव (KT Rama Rao) ने सोनिया गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के सत्ता में रहने के दौरान तेलंगाना को राज्य का दर्जा दिए जाने में उनकी ओर से किए गए देरी की ही वजह से बहुत से युवाओं ने आत्महत्या कर लिया था। क्या विपक्षी नेताओं आम लोगों के लिए कोई उपयोगी बात कभी करते हैं। इसके साथ ही उन्होने सत्ता पक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी अध्यक्ष ने हाल ही में दौरा किया था क्या जे पी नड्डा ने कुछ काम की बात कही, उन्होंने क्या कहा, सभी गलत बातें कहीं एक भी लोगों के फायदे की बात नही की।.
बीजेपी भी उतरी मैदान में
पीएम मोदी ने 27 जून को मध्य प्रदेश से कार्यक्रम करके चुनाव का बिगुल बजा दिया है। हालांकि अभी उनका फोकस मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव पर ज्यादा है। इस कार्यक्रम में उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए मेरा बूथ-सबसे मजबूत का नारा दिया।
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गठबंधन के लिए मुश्किल होगी आगे की राह
विपक्षी दल एकतरफ जहां अगली बैठक की योजना बना रही है, वहीं दूसरी तरफ एक-दूसरे पर जुबानी हमला कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस पर हमला बोल रही हैं। ऐसे में क्या कांग्रेस स्वतंत्र रूप से 2024 की जंग लड़ना चाहेगी? हालाकि कांग्रेस अभी विपक्षी एकता में ही नजर आई, पटना में हुए बैठक में कांग्रेस भी भाग लिया था। इससे यह आसार लगाया जा सकता है कि कांग्रेस गठबंधन के साथ रहेगी। लेकिन गठबंधन की आगे की राह बहुत कठिन होने वाली है। जहां एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी को टक्कर देना तो वहीं गठबंधन बचा कर रखना, ये दोनों चुनौतियां का सामना करना गठबंधन के लिए आसान नहीं होगा।