Haribhoomi Explainer: मुसलमानों की क्या है हज यात्रा, यहां जानें इस यात्रा का महत्व, नियम और खर्च
Haribhoomi Explainer: दुनियाभर के मुसलमान जीवन में कम से कम एक बार हज यात्रा पर जाने की इच्छा जरूर रखते हैं। हज यात्रा उनके धर्म की सबसे पवित्र यात्रा है और यह इस्लाम के पांच स्तंभों में एक भी है। आइए आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर के माध्यम से हज यात्रा के बारे में जानेंगे। साथ ही जानेंगे हज यात्रा का महत्व और यात्रा करने में कितना खर्च आता है।;
Haribhoomi Explainer: इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक हज यात्रा (Haj Pilgrimage) की शुरुआत 26 जून से हो गई है। इस ऐतिहासिक तीर्थ यात्रा में लाखों की संख्या में हज यात्री (Haj Pilgrim) सऊदी अरब (Saudi Arab) पहुंचते हैं। आपके बता दें कि हज यात्रा की शुरुआत मक्का (Makka) से होती है। जहां हज यात्री तवाफ (Tawaf) और काबा (Kaba) में परिक्रमा के साथ अपनी हज यात्रा की शुरुआत करते हैं। आइए आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर के माध्यम से हज यात्रा के बारे में विस्तार से जानते हैं।
क्या है हज यात्रा
हज पांच-छह-दिवसीय तीर्थयात्रा होती है। मुसलमानों के पवित्र ग्रंथ कुरान में बताया गया है कि मुसलमानों को अल्लाह द्वारा हज की पवित्र तीर्थयात्रा को पूरा करने का आदेश दिया गया है। कुरान के अनुसार, हज प्रत्येक मुसलमान के लिए आवश्यक है। लेकिन यह तभी तक आवश्यक है जब तक उनके पास हज यात्रा करने की क्षमता हो। हज एक आध्यात्मिक कर्तव्य और इस्लाम का एक स्तंभ है, तो वहीं कई लोगों के लिए यह जीवन में एक बार होने वाली घटना है। आमतौर पर हज की यात्रा एक बार करनी होती है। लेकिन अगर किसी के पास एक बार से भी अधिक हज करने की क्षमता हो तो वह एक बार से भी ज्यादा बार हज कर सकता है।
हज यात्रा का महत्व
हज यात्रा जितनी मंहगी है उतनी कठिन भी है। हज यात्रा करने के लिए पहले से ही रजिस्ट्रेशन करना पड़ता है। इस यात्रा को लेकर यह मान्यता है कि जीवन में एक बार हज की यात्रा करने से पापों से मुक्ति मिल जाती है। कहा यह भी जाता है कि हज यात्रा करने वाला अल्लाह का करीबी हो जाता है।
हज यात्रा के नियम
हज यात्रा करने लिए इस्लाम में कुछ नियम है। हज यात्रा की पहली शर्त है कि यात्री मुसलमान हो। हज यात्रा में सभी जायरीन (हज यात्री) को एहराम होना पड़ता है। यह एक सफेद कपड़ा होता है, जो सिला नहीं होता है। इस यात्रा में महिलाओं को अपना पूरा शरीर ढका होता है।
इस्लाम के पांच स्तंभ
1. आस्था का पेशा ( शहादा )
मुसलमानों को यह विश्वास है कि अल्लाह के अलावा पूजा के योग्य कोई देवता नहीं है, और मुहम्मद अल्लाह द्वारा भेजे गए अंतिम पैगंबर हैं।
2. प्रार्थना ( सलाह )
3. भिक्षा ( ज़कात )
4. उपवास ( साउम )
5. तीर्थयात्रा ( हज )
हज पर हर साल कितने मुसलमान जाते हैं
हर साल दुनिया भर से लाखों मुसलमान हज करने के लिए जमीन, समुद्र और हवाई मार्ग से मक्का, सऊदी अरब की यात्रा करते हैं। लगभग 2-3 मिलियन लोग हर साल हज यात्रा में शामिल होते हैं।
हज पर क्या होता है
हज की पवित्र यात्रा करने वाले मुसलमानों को संस्कारों और रीति-रिवाजों की एक श्रृंखला से गुजरना पड़ता है, जिनमें से प्रत्येक का अपना अनूठा उद्देश्य और ज्ञान होता है। हज यात्रा में 19 चरण होते हैं। आइए हज के उन 19 चरणों को जानते हैं।
1. तैयारी और इरादा
2. इहराम की स्थिति दर्ज करें
3. तवाफ x7
4. सफा और मारवा
5. बाल क्लिप/शेव करें (उमरा समाप्त)
6. आराम करना और प्रार्थना करना
7. इहराम की स्थिति दर्ज करें
8. मीना पहुंचें
9. अराफा का दिन
10. मुजदलिफा (रात के आसमान के नीचे)
11. रामी (शैतान को पत्थर मारना)
12. हाडी
13. सिर मुंडवाना
14. तवाफ अल-इफ़ादा
15. सई
16. रामी (शैतान को पत्थर मारना)
17. मीना में रात बिताओ
18. रामी (शैतान को पत्थर मारना)
19. अलविदा तवाफ अल-विदा
हज और उमरा के बीच अंतर
हज और उमरा दोनों इस्लाम में पवित्र तीर्थयात्राएं हैं। इनमें कई गुण, संस्कार और अनुष्ठान समान हैं। हालांकि, कुछ मुख्य अंतर हैं जिनमें से एक सबसे बड़ा यह है कि हज इस्लाम का पांचवां स्तंभ है। हर मुसलमान के लिए तब तक आवश्यक है जब तक उनके पास क्षमता है, जबकि उमरा एक स्वैच्छिक तीर्थयात्रा है।
हज हर साल केवल जिलहिज्जा की 8वीं और 12वीं या 13वीं तारीख के बीच ही हो सकता है, जबकि उमरा साल के किसी भी समय किया जा सकता है।
हज लगभग पांच से छह दिनों तक चलता है (अर्धचंद्र के दिखने पर निर्भर करता है), जबकि उमरा बहुत कम अवधि में किया जा सकता है। यहां तक की एक दिन में भी।
हज में 18 चरण होते हैं, जबकि उमरा में बहुत कम होते हैं।
हज यात्रा के लिए होते हैं ऑनलाइन आवेदन
हज यात्रा के लिए हर साल आवेदन फार्म निकलते हैं। जिसे हज कमेटी ऑफ इंडिया की ऑफिशियल वेबसाइट पर मुफ्त में आनलाइन आवेदन करके हज यात्रा पर जा सकते हैं।
हज यात्रा में कितना आता है खर्च
हज की यात्रा साल 2023 में जारी है। पिछले साल हज यात्रा करने में लगभग 4 लाख का खर्च आया था। इस वर्ष भी हज यात्रा का खर्च लगभग 4 लाख के आस पास हो सकता है। नीचे साल 2022 में देश के विभिन्न स्थानों से हज यात्रा में आए खर्च का विवरण है।
देश के अलग-अलग शहरों से हज की यात्रा में आने वाला खर्चा
दिल्ली से 3,76,150 रुपये
हैदराबाद से 3,89,450 रुपये
कोलकाता से 4,14,200 रुपये
बेंगलुरु से 3,99,050 रुपये
लखनऊ से 3,90,350 रुपये
श्रीनगर से 4,23,000 रुपये
गुवाहाटी से 4,39,500 रुपये
अहमदाबाद से 3,78,100 रुपये
मुंबई से 4,14,200 रुपये