Haribhoomi Explainer: आखिर क्यों देश छोड़कर जा रहे भारत के अमीर, यहां जानिये क्यों और कहां शिफ्ट हो रहे ये लोग

Haribhoomi Explainer: देश के अमीर इस साल भी काफी ज्यादा संख्या में देश छोड़कर जा रहे हैं। हालांकि, पिछले साल की तुलना में इस साल की संख्या कुछ कम है, लेकिन भारत के लिए यह चिंता की बात नहीं है। आइये आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर के माध्यम से जानते हैं कि क्यों अमीर लोग देश की नागरिकता छोड़ दूसरे देश में बस रहे हैं और साथ ही जानेंगे कि भारत के लिए यह चिंता की बात क्यों नहीं है।;

Update: 2023-06-14 10:15 GMT

Haribhoomi Explainer: भारत से इस साल भी काफी अधिक बड़ी संख्या में अमीर लोग देश छोड़कर जा रहे हैं। हेनले प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट 2023 (Henley Private Wealth Migration) के अनुसार, साल 2023 में करीब 6500 हाई-नेटवर्थ इंजिविजुअल देश छोड़कर जा सकते हैं। हालांकि, यह संख्या पिछले साल से कम है। पिछले साल 8000 अमीर लोग भारत छोड़कर गए थे। इसके मुकाबले यह संख्या कम है। रिपोर्ट जारी करने वाला हेनले दुनियाभर में वेल्थ और इन्वेस्टमेंट माइग्रेशन पर नजर रखता है। हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNI) के देश छोड़कर जाने के मामले में भारत दुनिया में दूसरे स्थान पर है। पहला स्थान चीन का है। साल 2023 में चीन से 13,500 अमीर देश छोड़कर जा सकते हैं। मिलियनेयर या एचएनआई उन्हें कहा जाता है, जिनके पास 10 लाख डॉलर या इससे अधिक की इन्वेस्टेबल वेल्थ होती है।

बिजनेस स्टैंडर्ड के रिपोर्ट के अनुसार, इस आंकड़े के साथ देश छोड़कर जाने वाले हाई-नेटवर्थ इंजिविजुअल के मामले में भारत दुनिया का दूसरा देश है। पहले स्थान पर चीन है जहां से 13500 हाई-नेटवर्थ इंजिविजुअल देश छोड़कर जा सकते हैं। यूनाइटेड किंग्डम तीसरे स्थान पर है जहां से 3200 एचएनडब्ल्युआई और चौथे स्थान पर रूस है जहां से 3000 एचएनडब्ल्युआई का आउटफ्लो देखने को मिलने की उम्मीद है।

आखिर क्यों देश छोड़कर जाते हैं अमीर

भारत के टैक्स कानून और उसकी जटिलताओं को चलते अमीर भारत छोड़ अन्य देशों में जाकर बस रहे हैं। दुनियाभर के अमीरों को दुबई और सिंगापुर जैसी जगहें सबसे ज्यादा पसंद आ रही है। अमीर उस देश में जाना पसंद करते हैं, जहां टैक्स से जुड़े नियम लचीले हो।

वित्त मंत्रालय पर सोशल मीडिया से वार

टैक्स नियमों में जटिलता को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स वित्त मंत्रालय को घेरते दिखे हैं। इंफोसिस कंपनी के पूर्व बोर्ड मेंबर टीवी मोहनदास पाई भी ट्वीट कर वित्त मंत्रालय को घेरते दिखे हैं। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय ने एचएनआई का जीना मुश्किल कर दिया है। उन्होंने कहा कि टैक्स के नियमों को आसान किया जाना चाहिए। 

भारत में करोड़पतियों की संख्या

मंगलवार को सामने आई हेनले प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में करोड़पतियों की संख्या 3.4 लाख हैं, तो वहीं चीन में 7.8 लाख करोड़पति हैं।

भारत के लिए चिंता का विषय नहीं

भले ही भारत से हर साल करोड़पति देश छोड़ कर जा रहे हैं, लेकिन फिर भी ये भारत के लिए बड़ी चिंता का विषय नहीं है। इसका बड़ा कारण ये है कि देश के कुल हाई-नेटवर्थ इंडिविजुअल के आंकड़ों के अनुसार, ये संख्या केवल 2 फीसदी के आसपास है। भारत में लगभग 3.57 लाख करोड़पति हैं और लिस्ट में नए नाम लगातार जुड़ भी रहे हैं। रिपोर्ट की मानें तो साल 2031 तक भारत में इस कैटेगरी के लोगों की संख्या में 80 फीसदी का इजाफा देखने को मिल सकता है।

इस साल पलायन की संख्या कम

साल 2023 में भारत से लगभग 8000 से भी ज्यादा लोग देश छोड़कर चले गए हैं। उस मुकाबले इस साल का आंकड़ा कम ही है। भारत से भी ज्यादा देश छोड़कर जाने वालों की संख्या चीन की है। चीन में साल 2023 में करीब 10000 थी, तो वहीं नम्बर एक पर रूस है जहां देश छोड़कर जाने वालों की संख्या 15000 के आसपास है।

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माल्टा, मॉरीशस और मोनैको बनी पसन्द

अमीरों की यह टोली से अब ब्रिटेन और अमेरिका बाहर हो चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इन अमीरों के सबसे पसंदीदा यूरोपीय यूनियन देश हैं। इसके अलावा दुबई और सिंगापुर भी भारतीय रईसों का खूब भा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, माल्टा, मॉरिशस और मोनैको ये तीन देश ऐसे हैं जिनमें अमीरों ने विशेष दिलचस्पी दिखाई है। वहीं, डिजिटल उद्यमी सिंगापुर को अपना हब मानते हुए वहां शिफ्ट कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि सिंगापुर में परिवार के रहने की बुनियादी सुख-सुविधाओं के अलावा वहां का लीगल सिस्टम भी बढ़िया है।

हेनली वेल्थ माइग्रेशन डैशबोर्ड के अनुसार, इस साल संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में सबसे ज्यादा अमीर लोग वहां जाकर बस सकते हैं। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर में भारतीय रईसों के बसने का अनुमान है।

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