Haribhoomi-Inh Exclusive: बदलता दौर संघ किस ओर ? प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने की चर्चा

Haribhoomi-Inh Exclusive: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने 12 साल बाद आरएसएस में हुए फेरबदल को लेकर चर्चा की।;

Update: 2021-03-24 15:34 GMT

Haribhoomi-Inh Exclusive: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने 12 साल बाद आरएसएस में हुए फेरबदल को लेकर चर्चा की। प्रधान संपादक ने कार्यक्रम की शुरुआत में कहा कि हे प्यार करने वाली मातृभूमि। मैं तुझे सदा नमन करता हूं। तुने मेरा सुख से पालन पोषण किया है। हे महामंगलमयी पुण्यभूमि। तेरे ही कार्य में मेरा यह शरीर अर्पण हो मैं तुझे नमस्कार करता हूं। यह उस प्रार्थना की शुरूआत है जो विश्व के सबसे बढ़े सामाजिक संगठन के हर कार्यकर्ता द्वारा नियमित रूप से गाई जाती है हम बात कर रहे हैं। पराधीन भारत में 27 सितंबर 1925 अर्थात् विजयादशमी यानि दशहरे के दिन डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा स्थापित राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की आज विश्व के 80 से ज्यादा देशों में सक्रिय 56 हजार 569 शाखाओं के माध्यम से करोड़ों लोगों के चरित्र निर्माण और राष्ट्र निर्माण में प्रयत्नशील यह संगठन जब अस्तित्व में आया था तो कुल 17 लोग मौजूद थे। कुछ लोग जो यह मानते हैं कि यह संगठन अधिनायकवादी है। उन्हें यह जानकर आश्चर्य होगा कि स्थापना के बाद इस संगठन का नामकरण भी लोकतांत्रिक पद्धति से हुआ था। 17 अप्रैल 1926 को कुल 26 लोगों की बैठक में तीन नाम प्रस्तावित किये गये राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, जरिपटका मंडल और भारतोद्धारक मंडल 20 वोट संघ के पक्ष में आये। आज हम अपनी स्थापना के 95वें वर्ष पूरे कर चुके इस संगठन की रीति नीति पर चर्चा करेंगे।

प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ चर्चा में छग प्रांत संघसंचालक डॉ. पूर्णेन्दु सक्सेना, संघ विचारक दीपक शर्मा, वि.सं.के कार्यकारी अध्यक्ष प्रशांत पोल, वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग और पाच्चजन्य संपादक हितेश शंकर मौजूद रहे.....

बदलता दौर संघ किस ओर ?

चर्चा'

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अभी हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में 12 साल बाद एक बड़ा फेरबदल हुआ। जिसमें भैय्याजी जोशी की जगह दत्तात्रेय होसबोले को नया महासचिव बनाया गया। आरएएसस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने खुद इसकी जानकारी दी। कर्नाटक में आरएसएस कार्यकर्ताओं के बीच से निकले दत्तात्रेय होसबोले की उम्र लगभग 65 साल की है। वह 1968 में संघ से जुड़े और 1978 में पूर्णकालिक आयोजक बने। इसके बाद साल 2004 में में जिम्मेदारी बढ़ी और आरएसएस के बौद्धिक विंग की कमान संभालने वाले दूसरे प्रमुख व्यक्ति बने। 

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