Haribhoomi-Inh Exclusive: आठवीं बार, गतिरोध बरकरार, प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने की खास चर्चा

केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डरों पर किसानों को आज 39 दिन हो चले हैं। इसी बीच आज केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच वार्ता हुई है। इस 8वें दौर की बातचीत में भी कोई नतीजा नहीं निकाल है। किसान नेता कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं।;

Update: 2021-01-04 15:35 GMT

Haribhoomi-Inh Exclusive: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने केंद्र सरकार और किसानों के बीच बेनजीता हुई 8वें दौर की बातचीत पर खास चर्चा की है। प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान कहा कि आठवीं बार, गतिरोध बरकरार! केंद्र और किसानों के बीच 8वें दौर की बातचीत में भी कोई नतीजा नहीं निकल पाना। करीब 4 घंटे चली बैठक में किसानों ने केंद्र के सामने कृषि कानूनों की वापसी की ही बात रखी। किसान नेताओं का कहना है कि कानून वापसी नहीं तो घर वापसी भी नहीं। वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि सरकार पूरे देश को ध्यान में रखकर ही फैसला करेगी। इस बैठक में MSP को कानूनी रूप देने के मुद्दे पर भी सहमति नहीं बन पाई। हालांकि, सरकार और किसान 8 जनवरी को दोबारा बातचीत करने पर राजी हो गए हैं। इस खास चर्चा में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद जोशी, कृषि विशेषज्ञ डॉ चेंगल रेड्डी, बीकेयू प्रवक्ता स्वामी इंद्र, बीजेपी पूर्व मंत्री दीपक जोशी और कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स से बातचीत की है। 

आठवीं बार, गतिरोध बरकरार, प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी की खास चर्चा 


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बता दें कि आज केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डरों पर किसानों को आज 39 दिन हो चले हैं। इसी बीच आज केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच वार्ता हुई है। इस 8वें दौर की बातचीत में भी कोई नतीजा नहीं निकाल है। किसान नेता कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। अब 8 जनवरी को दोपहर दो बजे फिर से सरकार और किसानो के बीच बातचीत होगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आज की बैठक में एमएसपी पर बात नहीं बन पाई है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान नेताओं से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत की है। इस दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि चर्चा का माहौल अच्छा था। परन्तु किसान नेताओं के कृषि क़ानूनों की वापसी पर अड़े रहने के कारण कोई रास्ता नहीं बन पाया। 8 तारीख को अगली बैठक होगी। किसानों का भरोसा सरकार पर है इसलिए अगली बैठक तय हुई है।

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