Haribhoomi-Inh News: बयानों का शोर, सियासत किस ओर ? 'चर्चा' प्रधान संपादक Dr Himanshu Dwivedi के साथ
इस दौरान कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने भाजपा नेता प्रेम प्रकाश पाण्डेय, जाने-माने पत्रकार श्रवण गर्ग, हनुमान गढ़ी महंत राजू दास जी और मुस्लिम एक्टविस्ट सैयद जव्वाद से बातचीत की।;
Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि आज हम अफगानिस्तान घटनाक्रम के संदर्भ में बात करेंगे। इस दौरान डॉ हिमांशु द्विवेदी ने कहा कि अफगानिस्तान में जो कुछ घटित हो रहा है वह अपनी जगह है, लेकिन अफगानिस्तान के घटनाक्रम ने भारत की सियासत को भी पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। लगातार सियासी बयानों के आने का सिलसिला जारी है। लोगों की निष्टा, लोगों का धर्म, लोगों की मान्यताएं सारे संदेह और सवालों के घेरे में होते जा रहे हैं। सभी अपनी-अपनी तरह से हर बयान के मायने निकालने में लगे हुए हैं। जिनको देश सराहना देता था, मान्यताएं देता था। ऐसे तमाम साहित्यकार निशाने पर हैं। चाहे वह मनोवर राणा हो, चाहे वो जावेद अक्खर जी।
दूसरी ओर सियासत के संदर्भ में भी बात की जाए तो तमाम सियासी पार्टियों के बयान हिन्दू और मुस्लिम के चश्मे ये देखे जा रहे हैं। देश कोरोना महामारी से लड़ रहा था। देश जो तमाम विकास के संदर्भ के बारे में बातचीत कर रहा था। वो सभी बिंदु गौण हो गए हैं। किसान आंदोलन से ज्यादा चर्चा इन दिनों हिन्दू-मुस्लिम पर हो रही है। अचानक लगने लगा है कि इस समय देश में लोगों का सबसे बड़ा मसला धर्म है। वहीं छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो यहां प्रदर्शन चल रहे हैं। धर्मांतरण को लेकर, ऐसा लग रहा है कि हिन्दुत्व खतरे में आ गया है। यहां भाजपा धर्मांतरण के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। वहीं कांग्रेस का सरकार पर आरोप है कि धर्मांतरण को संरक्षण दिया जा रहा है। ठीक उसी समय पर मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार की मंत्री उषा ठाकुर बयान दे रही हैं कि केवल हिन्दुस्तान का ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व का धर्मांतरण होना चाहिए। एक ओर धर्मांतरण के लिए मुहिम है और दूसरी ओर धर्मांतरण के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। हम आज इसी मसले पर बात करेंगे और समझने का प्रयास करेंगे कि क्या हकीकत में देश में मुद्दे गौण हो गए हैं। क्या सभी समस्याओं का हल हो चुका है। क्या देश को जिस मुकाम पर पहुंचना था। वहां पहुंच चुका है। जिसके चलते अब बात होनी चाहिए, केवल और केवल धर्म पर होची चाहिए।
इस दौरान प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने धर्म को लेकर महात्मा गांधी द्वारा दिए गए विचार पर भी बातचीत की। महात्मा गांधी ने अपने विचार में कहा है कि दुनिया में जितने मनुष्य हैं। उतने ही धर्म हैं। लेकिन यह विचार तो आज सबके उल्ट है।