Haribhoomi-Inh News: 'चक्रव्यूह में अभिमन्यु' बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर , 'चर्चा' प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ
Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा चक्रव्यूह में अभिमन्यु... चक्रव्यूह में अभिमन्यु के तहत आज हम कार्यक्रम में एक ऐसी शख्सियत को केंद्र में रखकर बातचीत करने जा रहे हैं। जो कभी सुर्ख़ियों की मोहताज नहीं रहीं।;
Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा चक्रव्यूह में अभिमन्यु... चक्रव्यूह में अभिमन्यु के तहत आज हम कार्यक्रम में एक ऐसी शख्सियत को केंद्र में रखकर बातचीत करने जा रहे हैं। जो कभी सुर्ख़ियों की मोहताज नहीं रहीं। सुर्खियां हमेशा उनके साथ चलती हैं। यह अलग बात है कि वह सुर्खियों में सकारात्मक कारणों से कम और नकारात्मक कारणों से ज्यादा रहती हैं।
उनकी उपलब्धियों के लिए चर्चा कम होती है। उनके साथ जुड़े हुए विवादों पर चर्चा ज्यादा होती है। वह कुछ भी करती हैं। विवाद उसका हिस्सा बन जाते हैं। वह दिग्विजय सिंह जैसे दिग्गज को हराकर संसद तक पहुंचते हैं। इसके बावजूद भी नेता के तौर पर स्वीकार हुई या नहीं इसको लेकर अभी भी बहस का सिलसिला जारी है। उनके साढ़े 3 साल की संसदीय कार्यकाल के दौरान उपलब्धियों को लेकर बात ज्यादा होती है या उनके विवाद को लेकर ज्यादा बातचीत होती है।
यह भी शोध का विषय हो सकता है या किसी प्रकार का वाद विवाद का विषय हो सकता है। कुल मिलाकर आप समझ ही गए होंगे कि हम बात कर रहे हैं भोपाल की सम्मानीय सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बारे में। प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जब भारतीय जनता पार्टी ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ मैदान में उतारा, तो उम्मीद की गई थी कि भारतीय जनता पार्टी के द्वारा यह राजनीति के मैदान में उतारा गया है। आने वाले समय में वह सिर्फ केवल भोपाल में नहीं, केवल मध्यप्रदेश में नहीं, बल्कि पूरे देश में दिखेंगी।
लेकिन हालत यह हुए कि कुछ समय बाद प्रज्ञा सिंह ठाकुर इस बात को लेकर शिकायत सोशल मीडिया के माध्यम से व्यक्त कर रहे हैं कि उनको तो भोपाल में भी पार्टी के द्वारा नहीं पूछा जा रहा है। कुछ ऐसा हुआ इन साढ़े 3 सालों में जिसके चलते जिस प्रज्ञा सिंह ठाकुर को कालीन बिछा कर भाजपा सत्ता बिछाकर लेकर आई। सियासत में लेकर आई। वह अब प्रज्ञा सिंह ठाकुर दूर रहने में ही भलाई समझ रही हैं। समझने की कोशिश करेंगे कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर की इस चर्चा का हिस्सा बन रहे कई मेहमान जुड़े हुए हैं...
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