Haribhoomi-Inh News: दो विषयों पर चर्चा प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ

Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, चर्चा के तहत आज हम दो विषय पर बातचीत करने वाले हैं। लगातार हम पिछले कुछ दिनों से लगातार दो विषयों पर बातचीत कर रहे हैं। आज भी हमारी बातचीत के केंद्र में दो विषय हैं। एक विषय मथुरा को लेकर है और दूसरा विषय झारखंड की सियासत को लेकर है।;

Update: 2022-08-30 15:26 GMT

Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, चर्चा के तहत आज हम दो विषय पर बातचीत करने वाले हैं। लगातार हम पिछले कुछ दिनों से लगातार दो विषयों पर बातचीत कर रहे हैं। आज भी हमारी बातचीत के केंद्र में दो विषय हैं। एक विषय मथुरा को लेकर है और दूसरा विषय झारखंड की सियासत को लेकर है।

पहला विषय जो है मथुरा के संदर्भ में है। उसका शीर्षक यह है करो तैयारी... अब मथुरा की बारी!, 1984 में धर्म संसद दिल्ली के अंदर हुई और उसके अंतर्गत धर्म संसद में यह फैसला लिया गया अयोध्या, काशी और मथुरा इन तीनों ही जगहों को हिंदुओं के लिए उपलब्ध कराने के संदर्भ में संघर्ष किया जाएगा। अयोध्या को लेकर जब जब मसला चरम पर था। तभी यह नारा दिया जाता था कि अयोध्या तो झांकी है। मथुरा काशी बाकी है। और अयोध्या के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भव्य राम मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद ध्यान काशी के संदर्भ में हुआ। काशी में अदालत का हस्तक्षेप हुआ। अदालत के माध्यम से ईदगाह स्थल का निरीक्षण वीडियोग्राफी सब कुछ किया गया। खबर आई कि उस समय वहां पर बाबा विश्वनाथ के दर्शन हो गए। वहां बाबा विश्वनाथ का शिवलिंग है। लेकिन अब आया है मथुरा के संदर्भ में। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में मनीष यादव के द्वारा याचिका दी गई। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने फैसला दिया। याचिका पर फैसला देते हुए आदेश में यह भी कहा गया है जिला न्यायालय के संरक्षण में वीडियोग्राफी होगी। इन सभी के माध्यम से वास्तविक को जाना जाएगा और आज हम उसी मामले पर बातचीत कर रहे हैं...

करो तैयारी... अब मथुरा की बारी!

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वहीं दूसरी तरफ हम बात कर रहे हैं झारखंड को लेकर, पिछले एक सप्ताह से यहां का मामला बहुत गर्म है। ऑफिस ऑफ प्रॉफिट केस मामले के दौरान सीएम हेमंत सोरेन समेत सभी विधायकों को रायपुर स्थांतरित कर दिया गया है। हम किसी भी तरह की खरीद फरोख्त नहीं होने के मुड़ में नहीं हैं। सवाल ये है कि आखिर सीएम हेमंत को किस पर भरोसा नहीं है। अपने आप पर या फिर अपने विधायकों पर। इसको लेकर हम बातचीत कर रहे हैं।

झारखंड सियासत प्रचंड !

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