Haribhoomi-Inh News: फिल्म की खिलाफत 'इंडस्ट्री पर आफत ! और 'जन्नत' फिर 'लाल'- सुरक्षा पर सवाल ! , चर्चा प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ
Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, आज हम दो मसलों पर चर्चा करने जा रहे हैं। हमारे दोनों मसले देश के संदर्भ में काफी महत्वपूर्ण है। एक है मनोरंजन के क्षेत्र से और दूसरा राजनीति के क्षेत्र से जुड़ा हुआ है।;
Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, आज हम दो मसलों पर चर्चा करने जा रहे हैं। हमारे दोनों मसले देश के संदर्भ में काफी महत्वपूर्ण है। एक है मनोरंजन के क्षेत्र से और दूसरा राजनीति के क्षेत्र से जुड़ा हुआ है।
पहला विषय है भारत की हिंदी फिल्मों के भविष्य को लेकर जुड़ा हुआ है। लाल सिंह चड्ढा आमिर खान की फिल्म है। बहुत ज्यादा चर्चा में है। बहुत ज्यादा उम्मीद थी तकरीबन 180 करोड़ के भारी भरकम बजट के साथ यह फिल्म तैयार हुई थी। आमिर खान एक ऐसे अभिनेता हैं, जो साल दर साल फिल्मों की झड़ी नहीं लगाते। बल्कि दो-तीन साल में कोई एक फिल्म लेकर उपस्थित होते हैं। लोगों को बड़ी उम्मीद रहती है बहुत आकांक्षा रहती है। लेकिन लाल सिंह चड्ढा के रिलीज होने की घोषणा के साथ उसके बायकॉट का एक अभियान सोशल मीडिया पर तेज हो गया। बल्कि बताया गया कि आमिर खान की फिल्म को देखना देशद्रोह के बराबर है।
एक ऐसा शख्स जो सार्वजनिक मंच से कहता है कि भारत रहने लायक नहीं रह गया है अपनी पत्नी के हवाले से। उसकी पिक्चर को क्या देखना है। उसे सबक सिखाने की जरूरत है। इस प्रकार का आवाहन सोशल मीडिया पर भरा पड़ा है। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना था कि आमिर खान ने तकरीबन 30 से 35 साल का समय हो चुका है। उनकी अपनी एक फैन फॉलोइंग है। उनका आकर्षक है। लेकिन इससे ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन पिछले 4 दिनों में सिर्फ कुल कमाई फिल्मी की लागत की तिहाई है। बॉक्स ऑफिस पर हुई फ्लॉप नहीं हुई बल्कि गिर गई। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए कई खास मेहमान जुड़े हुए हैं...
फिल्म की खिलाफत 'इंडस्ट्री पर आफत !
'चर्चा'
दूसरी तरफ चर्चा, जम्मू कश्मीर में सामने आया ताजा मामला कश्मीर पंडितों की गोली मारकर हत्या से जुड़ा है। जम्मू कश्मीर के शोपियां में एक सेब के बाग में काम करने वाले दो मजदूरों को निशाना बनाया गया। ये दोनों लोग ज्यादा समृद्ध नहीं थे, एक सेब के बाग में काम कर रहे थे। एक भाई की मौत हो चुकी है और दूसरी भाई जिंदी और मौत से जंग लड़ रहा है। यहीं सिलसिला लगातार चल रहा है। इस मुद्दे पर हम आज इस कार्यक्रम में बातचीत कर रहे हैं...
'जन्नत' फिर 'लाल'- सुरक्षा पर सवाल !
'चर्चा'