Haribhoomi-Inh News: ED में राहुल 'हेराल्ड' में गड़बड़ी या 'सियासत' बड़ी?, चर्चा प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ

Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, चर्चा के तहत आज का विषय कोई चौंकाने वाला नहीं है, जो आज का ताजा घटनाक्रम है सारे दर्शकों को पता है।;

Update: 2022-06-13 15:36 GMT

Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, चर्चा के तहत आज का विषय कोई चौंकाने वाला नहीं है, जो आज का ताजा घटनाक्रम है सारे दर्शकों को पता है। आज हम बात किस विषय पर कर रहे हैं। हम बात करेंगे प्रवर्तन निदेशालय के संदर्भ में, जहां कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और और भावी अध्यक्ष भी संभवतः राहुल गांधी पेश हुए हैं। आज का हमारा विषय ED में राहुल 'हेराल्ड' में गड़बड़ी या 'सियासत' बड़ी?

संदर्भ यह है भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रहे राहुल गांधी और वर्तमान में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के संदर्भ में ईडी ने एक समन भेजा और यह चाहा कि कांग्रेस का अखबार हुआ करता था नेशनल हेराल्ड। उसकी एक कंपनी हुआ करती थी एजीएल। एजीएल के शेयरों को सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बहुसंख्यक शेयरों की कंपनी को हस्तांतरित किया गया और इस मामले को लेकर ईडी को लगता है कि बहुत बड़ी वित्तीय गड़बड़ी की गई।

दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी यह बताती है कि नेशनल हेराल्ड। इसे देश की धरोहर है, न केवल कांग्रेस के संदर्भ में बल्कि देश के संदर्भ में आजादी से पहले नेशनल हेराल्ड ने एक बड़ी भूमिका निभाई थी। जिसकी स्थापना पंडित जवाहरलाल नेहरू की और बाद में इसे कांग्रेस के मुख्य तौर पर पहचाना गया। लेकिन समय गुजरने के साथ नेशनल हेराल्ड अपनी चमक कायम नहीं रख पाया।

तीन अखबार निकलते हैं नेशनल हेराल्ज अंग्रेजी में निकलता है और दूसरा नवजीवन, तीसरा अखबर कौमी एकता। बाद में अखबारों में ही रह गए। बीच में नहीं दिखे, अपनी चमक खो दी। इस अखबार को बनाए रखने के लिए 90 करोड़ की लोन की राशि दी गई। लेकिन जब इस लोन को अखबार ना चुकाने में कामयाब रहा जिसका नाम एक दूसरे कंपनी ट्रांसफर किया गया। जिसका नाम जंग इंडिया है। जिसमें 75% शेयर राहुल गांधी और सोनिया गांधी के पास है और अन्य शेयर अन्य कांग्रेस नेताओं के पास है। इस मामले को लेकर साल 2014 याचिका कोर्ट में दाखिल की गई। साल 2018 में दोबारा जांच शुरू हुई और अब कांग्रेस और बीजेपी दोनों अपने बयान बयान दे रहे हैं। कांग्रेस ने कहा कि जांच एजेंसी कुछ नहीं मिला। लेकिन अब परेशान किया जा रहा है। इसका कार्यक्रम हमारे साथ कोई खास 4 मेहमान जुड़े हुए हैं।

ED में राहुल 'हेराल्ड' में गड़बड़ी या 'सियासत' बड़ी?

'चर्चा'


Full View


Tags:    

Similar News