Haribhoomi-Inh News: रूस-यूक्रेन जंग जरुरी है? 'चर्चा' प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ
Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, आज एक बार फिर हमारे चर्चा के केंद्र में रूस और यूक्रेन का विवाद है। ताजा तरीन हालात नई नई खबरों को लेकर हमारे बीच आ रहे हैं। एक तरफ यूक्रेन के राष्ट्रपति का बीते दिन देश के नाम संदेश था।;
Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, आज एक बार फिर हमारे चर्चा के केंद्र में रूस और यूक्रेन का विवाद है। ताजा तरीन हालात नई नई खबरों को लेकर हमारे बीच आ रहे हैं। एक तरफ यूक्रेन के राष्ट्रपति का बीते दिन देश के नाम संदेश था। जिसमें उन्होंने कहा कि 16 फरवरी को रूस उनके ऊपर आक्रमण कर सकता है। वहीं दूसरी तरफ एक खबर यह भी आई कि रूस ने अपने कुछ सैनिकों को बैरक में वापस भेजने का फैसला किया है। लेकिन सबकुछ मिलाकर जो खबर सामने आई है वह बताती है कि दोनों देशों के बीच में सबकुछ सामान्य नहीं है।
अमेरिका पहले ही अपने दूतावास के लोगों को वापस बुला चुका है। यूके ने तुरंत अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ देने का एल्टीमेटम भी दिया। इसी के बीच भारत ने भी यूक्रेन में रहने वाले अपने नागरिकों और छात्रों को वापस बुलाने के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है। साथ ही कहा कि अगर जरूर न हो तो आप यूक्रेन की यात्रा भी न करें। तीसरी बात करें तो दुनियाभर के बाजार नीचे गिर रहे हैं। भारत में बीते 10 महीने की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इस कार्यक्रम में हम एक बार फिर इस विवाद पर चर्चा कर रहे हैं...
Russia-Ukraine जंग जरुरी है?
'चर्चा'
जर्मनी की चेतावनी के बाद थमा रूस
रूस ने यूक्रेन की सीमा पर अपने सैनिकों को वापस बुलाया है। कुछ अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ पहले से ही कह रहे थे कि यह रूस की दबाव की नीति है। जिसके कारण वह यूक्रेन के नाम पर पश्चिमी देशों के साथ कुछ सौदे करना चाहता है। हालांकि, सैनिकों की वापसी का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है। इससे पहले अमेरिका ने ऐसा माहौल बना लिया था कि रूस किसी भी क्षण यूक्रेन पर हमला करने वाला है। वहीं जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने रूस को चेतावनी दी कि वह तनाव बढ़ाकर पश्चिमी सहयोगियों के धैर्य की परीक्षा न ले। यह हम सभी के लिए नाजुक स्थिति है। रूस को हमारी एकता को कमजोर नहीं समझना चाहिए। हम यूरोपीय संघ और नाटो के साथ एकजुट हैं।