Haribhoomi-Inh News: Russia-Ukraine War तनाव जारी, कौन-किस पर भारी? 'चर्चा' प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ

Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, चर्चा के तहत हम एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय विषय पर ही बातचीत कर रहे हैं। उस विषय पर जिसकी पूरी दुनिया की चर्चा हो रही है। यूक्रेन को लेकर रूस ने पूरी दुनिया में बेचैनी ला दी है। वो पुतिन, जो रूस के राष्ट्रपति हैं। अपने स्टैंड पर अडिग हैं। धड़ाधड़ तमाम देश अपने अपने स्तर पर रूस के संबंध में प्रतिबंधों का ऐलान कर रहे हैं।;

Update: 2022-02-23 15:34 GMT

Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, चर्चा के तहत हम एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय विषय पर ही बातचीत कर रहे हैं। उस विषय पर जिसकी पूरी दुनिया की चर्चा हो रही है। यूक्रेन को लेकर रूस ने पूरी दुनिया में बेचैनी ला दी है। वो पुतिन, जो रूस के राष्ट्रपति हैं। अपने स्टैंड पर अडिग हैं। धड़ाधड़ तमाम देश अपने अपने स्तर पर रूस के संबंध में प्रतिबंधों का ऐलान कर रहे हैं।

वह प्रतिबंध मुख्य रूप से आर्थिक मसलों से जुड़े हुए हैं। लेकिन इन सबसे बेपरवाह पुतिन अपनी चाल के तहत आगे बढ़ते जा रहे हैं। वह लगातार कदम उठा रहे हैं और सुनिश्चित कर रहे हैं कि अपने देश की सीमाओं की सुरक्षा करना और साथ ही पड़ोसी मुल्क यूक्रेन के अंदर भी अपनी सेनाओं को दाखिल करना जारी रखा है। पुतिन ने एक बार फिर वीडियो के माध्यम से अपनी मंशाओं को साबित किया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि शांति का विकल्प एक ही स्थिति में है कि यूक्रेन नाटो में दाखिल होने की कोशिशों वाले कदम वापस खींच ले। यानी कि नाटो में यूक्रेन ना जाए। यही एकमात्र सुलह की गुंजाइश है।

पुतिन ने दूसरी महत्वपूर्ण बात कही कि यूक्रेन शांति समझौता अब अस्तित्व में नहीं है। इन सब से दूसरी तरफ अमेरिका लगातार अपने तेवर दिखा रहा है। चेतावनी दे रहा है अपनी प्रतिबंधों को ओर बढ़ाने की बात कर रहा है। तमाम देश जिसमें जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान यह तमाम मुल्क अमेरिका की हां में हां मिलाते हुए दिखाई दे रहे हैं।

लेकिन सबसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम जापान का है, गैस पाइपलाइन के संदर्भ में है। इसमें कहा गया है कि अभी हम इसे रोक रहे हैं। रूस के संदर्भ में एक बड़ा झटका है आर्थिक विशेषज्ञ मान रहे हैं। लेकिन इन सबके बीच में यह सवाल बहुत महत्वपूर्ण हो रहा है कि क्या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार लगाए जा रहे। क्या इसमें कोई भी घोषणा ऐसी है जो अप्रत्याशित हो। जब पुतिन ने यह कदम उठाया तो उन्हें यह नहीं पता था कि ऐसे प्रतिबंधों का ऐलान हो सकता है या फिर यह सब पुतिन ने जानबूझकर किया है। इसी कार्यक्रम पर चर्चा करने के लिए हमारे कुछ मेहमान जुड़े हुए हैं....

Russia-Ukraine War तनाव जारी, कौन-किस पर भारी?

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