Haribhoomi-Inh News: युद्ध के कहर में 'भविष्य' अधर में!, 'चर्चा' प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ
Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, चर्चा के तहत आज हम बहुत ही पेचीदा और गंभीर मामले पर चर्चा करेंगे। संदर्भ उसका अंतर्राष्ट्रीय घट रहे घटनाक्रम हैं। लेकिन वह मामला हमारे देश के नागरिकों के संदर्भ में है। हमारा आज का विषय है युद्ध के कहर में 'भविष्य' अधर में!;
Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, चर्चा के तहत आज हम बहुत ही पेचीदा और गंभीर मामले पर चर्चा करेंगे। संदर्भ उसका अंतर्राष्ट्रीय घट रहे घटनाक्रम हैं। लेकिन वह मामला हमारे देश के नागरिकों के संदर्भ में है। हमारा आज का विषय है युद्ध के कहर में 'भविष्य' अधर में!
संदर्भ साफ है कि यूक्रेन और रूस के बीच में जिस तरह का महायुद्ध छिड़ा हुआ है। उसको लेकर बातचीत करेंगे। भारत में इस बात को लेकर चर्चा नहीं है कि यूक्रेन में कितने लोग मारे जा चुके हैं। या रूस क्या कर रहा है। अमेरिका क्या कर रहा है या नाटो क्या कर रहा है। सबकी दिलचस्पी इस बात को लेकर है कि जो 20 हजार के करीब छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं। उनकी सुरक्षित वापसी के संदर्भ में क्या कुछ हो पा रहा है।
भारत सरकार अपने स्तर पर काम कर रही है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग मिल रहा है। तकरीबन 6 हजार छात्रों को यूक्रेन से भारत सुरक्षित वापस लाया जा चुका है। सरकारी स्तर पर दावा है कि 20 हजार में से 17 हजार बच्चों ने यूक्रेन को छोड़ दिया है। यानी वह सीमा पर हैं और उन्हें वापस लाने की कोशिश की जा रही है। क्या इसे हम उपलब्धि मानकर संतुष्ट हो जाए कि तमाम छात्र सुरक्षित बच कर भारत वापस लौट आएं। विषय इतना सरल नहीं है। आगे का विषय बेहत गंभीर है। इन छात्रों के भविष्य को लेकर सवाल है। इन छात्रों में से 90 फीसदी यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के लिए गए थे। ऐसे में जो छात्र यहां वापस आए है और आर रहे हैं। ऐसे में उनके भविष्य के लिए भारत सरकार या समाज क्या सोच रहा है। इसी पर आज हम अपने कार्यक्रम में बातचीत कर रहे हैं।
Russia Ukraine War युद्ध के कहर में 'भविष्य' अधर में!
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