Haribhoomi-Inh News: टेलिकॉम का टेंशन! 'चर्चा' प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ
Haribhoomi-Inh Exclusive: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने भारत में टेलीकॉम की स्थिति पर बातचती की।;
Haribhoomi-Inh Exclusive: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने भारत में टेलीकॉम की स्थिति पर बातचती की। चर्चा के तहत आज हम इस कार्यक्रम में बात कर रहे हैं ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर। जो ना केवल वर्तमान में हमारे लिए चिंता का विषय है। बल्कि आने वाले समय में यह विषय कितनी बड़ी चुनौती बन सकता है। यह शायद आप इस चर्चा के दौरान समझ पाए। हम बात कर रहे हैं भारत में टेलीफोन क्षेत्र की स्थिति की।
भारत मोबाइल की दृष्टि से दुनिया का दूसरा देश है और वहीं मोबाइल निर्माण में भी भारत विश्व में दूसरा स्थान रखता है। वहीं दूसरी तरफ लोग कहते हैं कि भारत में डेटा की दर सबसे कम हैं। लोग यह भी मानते हैं कि विश्व की तुलना में भारत में कॉल की दरें भी कम हैं। भारत में 100 करोड़ लोगों के पास मोबाइल है। उनके पास 50 करोड़ स्मार्ट फोन हैं। इतना भरा हुआ बाजार है। भारत में जब इतना कुछ है तो ऐसे में कौन से हालत हैं। जिसके तहत आखिर ऐसे कौन से हालात है। जिसके बाद पिछले 1 दशक के बाद देश की कुछ बड़ी कंपनियां अपना बिजनेस बंद करने की कगार पर है या समेट चुकी हैं। इस लिस्ट में टाटा और मुकेश अंबानी जैसा समूह भी शामिल हैं।
अब वर्तमान में जो ताजा नाम सामने आया है। वह आईडी और वोडाफोन का। उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला ने कर्ज में फंसी वोडाफोन आइडिया के गैर कार्यकारी निदेशक व गैर कार्यकारी चेयरमैन के पद से इस्तीफा दे दिया। वोडाफोन इंडिया पर करीब 1.80 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। इस गंभीर मुद्दे पर चर्चा के लिए कई मेहमान हमारे साथ जुड़े हुए हैं....
इस दौरान कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने पूर्व केन्द्रीय सचिव डॉ. सुभाष पाण्डेय, आर्थिक विशेषज्ञ डॉ. आचार्य सारथी, वरिष्ठ अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट चिराग गुप्ता और टेलिकॉम सलाहकार रवि विश्वेश्वरैया शारदा प्रसाद से बातचीत की।
टेलिकॉम का टेंशन!
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