Haribhoomi-Inh News: दिल्ली की भलाई या सत्ता की लड़ाई ? प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने की चर्चा

Haribhoomi-Inh Exclusive: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक-2021 को लेकर चर्चा की।;

Update: 2021-03-17 15:29 GMT

Haribhoomi-Inh Exclusive: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक-2021 को लेकर चर्चा की। प्रधान संपादक ने चर्चा के शुरुआत में कहा कि देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर अधिकारों की जंग छिड़ गई है। केंद्र सरकार द्वारा संसद में लाए गए एक बिल के कारण राज्य बनाम केंद्र सरकार की स्थिति बन गई है। दरसल केंद्र सरकार ने संसद में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र संशोधन विधेयक (2021) को पेश किया है। इस विधेयक के अनुसार दिल्ली में उपराज्यपाल के अधिकार बढ़ जाएंगे, जबकि निर्वाचित सरकार के अधिकार बहुत ही कम हो जाएंगे। अरविंद केजरीवाल की सरकार इसी का विरोध कर रही है और इसे राज्य सरकार के अधिकार दबाने वाला बता रही है। केंद्र द्वारा लाए गए इस बिल में क्या है, और इसका मूल उद्देश्य क्या है साथ ही इस पर आपत्तियां क्या हैं...

कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने दिल्ली आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता धनेंद्र भारद्वाज, संविधान विशेषज्ञ पदमकीर्ति, दिल्ली भाजपा प्रवक्ता खेमचंद शर्मा, दिल्ली कांग्रेस प्रवक्ता अनुज अत्रे से खास बातचीत की। खास कार्यक्रम के दौरान इन मेहमानों से कई सवाल पूछे...

दिल्ली की भलाई या सत्ता की लड़ाई ?

चर्चा'

Full View

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक-2021 को लोकसभा में पेश करने के बाद से ही दिल्ली सरकार इस बिल का विरोध कर रही है। केंद्रशासित प्रदेश की सरकार को किसी भी प्रशासनिक फैसले लेने से पहले उपराज्यपाल की राय या फाइलें भेजनी जरूरी होगी। विधेयक के जरिए लेफ्टिनेंट गवर्नर के साथ अधिनियम में सरकार को प्रतिस्थापित करना है।

विधेयक में साफ कहा गया है कि विधानसभा द्वारा बनाए जाने वाले किसी भी कानून में को लागू करने से पहले उपराज्यपाल के पास जाना होगा। अन्य संशोधन धारा-44 में इसका जिक्र है। दिल्ली सरकार के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र अधिनियम-1991 की धारा 44 में संशोधन कर इसे पेश किया गया था। विधेयक कहता है कि मंत्रिपरिषद या एक मंत्री के निर्णय के अनुपालन में कोई भी कार्रवाई करने से पहले सभी शक्तियां उपराज्यपाल के पास होंगी। जिसके बाद दिल्ली सरकार मोदी सरकार पर दिल्ली की चुनी हुई सरकार की शक्तियां कम करने का आरोप लगा रही है। 

Tags:    

Similar News