स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने विपक्ष से की वैज्ञानिकों पर भरोसा रखने की अपील, बच्चों के टीकाकरण पर जल्दबाजी में नहीं है सरकार

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने शुक्रवार को लोकसभा (Lok Sabha) में शुक्रवार को कहा कि सरकार को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की बूस्टर डोज (Booster Dose) और बच्चों के टीकाकरण को लेकर कोई जल्दी नहीं है।;

Update: 2021-12-03 15:36 GMT

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने शुक्रवार को लोकसभा (Lok Sabha) में शुक्रवार को कहा कि सरकार को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की बूस्टर डोज (Booster Dose) और बच्चों के टीकाकरण को लेकर कोई जल्दी नहीं है। बच्चों के टीकाकरण (Vaccination) और बूस्टर डोज पर सरकार वैज्ञानिकों से सलाह लेने के बाद ही कोई फैसला लेगी।

लोकसभा में कोरोना के हालात पर चर्चा के दौरान मंडाविया ने कहा कि कोरोना के इन हालात के बीच हमें अपने वैज्ञानिकों पर भरोसा रखना चाहिए। मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने कहा कि 19 राज्यों ने राज्य सरकारों को पत्र लिखकर ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी से होने वाली मौतों पर जवाब मांगा है। जिसमें 19 राज्यों ने अपना डाटा भेजा है।

केवल पंजाब में ऑक्सीजन की कमी के कारण चार संदिग्ध मौतों की सूचना है। मंडाविया ने लोकसभा में बताया कि भारत में अब तक कोरोना के 3.46 करोड़ मामले सामने आ चुके हैं और 4.6 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। यह कुल मामलों का 1.36% है। भारत में प्रति मिलियन जनसंख्या पर 25,000 मामले और 340 मौतें दर्ज की गईं, जो दुनिया में सबसे कम है।

मोदी सरकार में कमजोर स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने का काम चल रहा है। सरकार ने स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे की उपेक्षा के लिए पिछली सरकारों को दोष दिए बिना परिणामों के लिए काम किया। पिछले दो वर्षों में पीएम मोदी (PM MODI) के नेतृत्व में लिए गए निर्णय बताते हैं कि यह सरकार इच्छाशक्ति से काम करती है न कि शक्ति से।

मंडाविया ने कहा कि भारत में पहला कोविड-19 (COVID-19) मामला 13 जनवरी 2020 को केरल में सामने आया था। लेकिन केंद्र द्वारा गठित संयुक्त निगरानी समिति की पहली बैठक 8 जनवरी 2020 को हुई थी। इसका मतलब है कि हम सतर्क थे, केस दर्ज होने से पहले एक कमेटी बनी और वह काम करने लगी।

उन्होंने कहा, एक समय था जब वैक्सीन (Vaccine) पर शोध करने के बाद इसे मंजूरी मिलने में तीन साल लग जाते थे। इसलिए किसी ने शोध नहीं किया। हमने उन नियमों को खत्म कर दिया और शोध के एक साल के भीतर देश को वैक्सीन (Vaccine) मिल गई। यह सुविधा पीएम मोदी (PM MODI) ने दी है।

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