Hijab controversy: सुप्रीम कोर्ट में तुषार मेहता बोले- पीएफआई की बड़ी साजिश का हिस्सा बने नौजवान छात्र

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) ने पॉपुलर फ्रांट ऑफ इंडिया (PFI) को लेकर बड़ा दावा किया;

Update: 2022-09-20 10:25 GMT

कर्नाटक में हिजाब विवाद (Hijab controversy in Karnataka) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) ने पॉपुलर फ्रांट ऑफ इंडिया (PFI) को लेकर बड़ा दावा किया वहीं कर्नाटक सरकार यही बयान दिया है। पीएफआई ने सोशल मीडिया पर हिजाब पहनना शुरू करने के लिए एक आंदोलन शुरू किया और इसमें नौजवान छात्रों को शामिल किया गया। अभी भी हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अब तक स्कूलों में अनिवार्य अनुशासन का ईमानदारी से पालन किया जा रहा था। फिर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया नाम के एक संगठन ने सोशल मीडिया पर आंदोलन शुरू कर दिया। इस अभियान में छात्र एक बड़ी साजिश का हिस्सा बन गए और उनके निर्देश पर काम कर रहे थे।

हिजाब विवाद पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस साल 2022 में सोशल मीडिया पर हिजाब पहनना शुरू करने के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने एक आंदोलन शुरू किया गया था। इसमें छात्र एक बड़ी साजिश का हिस्सा बन गए और छात्र उन्हीं के इशारे पर काम कर रहे थे। एसजी तुषार मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ता यह साबित नहीं कर सके कि हिजाब एक अनिवार्य धार्मिक प्रथा है। कई इस्लामिक देशों में महिलाएं हिजाब के खिलाफ लड़ रही हैं।

हिजाब याचिका में कर्नाटक सरकार की ओर से कोर्ट में पेश हुए एसजी तुषार मेहता ने कहा कि इसमें दो मुख्य बातें हैं। पहला 2021 तक किसी भी छात्रा ने हिजाब नहीं पहना था और न ही ऐसा कोई सवाल कभी उठाया गया था। दूसरा हिजाब पर प्रतिबंध लगाने वाले सर्कुलर का विरोध करना गलत होगा। यदि अन्य समुदाय भगवा शॉल लाते हैं, तो वह भी प्रतिबंधित है।

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