Hijab Row: कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हुआ, जानें पूरा मामला

रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण (Chief Justice NV Ramana), न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने वकील प्रशांत भूषण (Advocate Prashant Bhushan) की दलीलों पर गौर किया कि मामले बहुत पहले दायर किए गए थे।;

Update: 2022-07-13 09:17 GMT

कर्नाटक हिजाब विवाद (Karnataka Hijab Row) मामले में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं (petitions) पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तैयार हो गया है। अब सुप्रीम कोर्ट में अगले हफ्ते किसी भी दिन सुनवाई हो सकती है। बता दें कि कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने फैसला सुनाते हुए हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने के राज्य सरकार (Karnataka Government) के निर्देश को बरकरार रखा था। 

रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण (Chief Justice NV Ramana), न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने वकील प्रशांत भूषण (Advocate Prashant Bhushan) की दलीलों पर गौर किया कि मामले बहुत पहले दायर किए गए थे। लेकिन सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने बाकी थे। प्रशांत भूषण ने कहा, लड़कियां पढ़ाई से बाहर हो रही हैं। वहीं पीठ ने कहा, इस मामले को अगले हफ्ते किसी भी दिन सूचीबद्ध (Listed) किया जाएगा।

इस्लाम में हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं

जानकारी के लिए आपको बता दें कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब विवाद पर मुस्लिम छात्राओं की याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि हिजाब धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। छात्राएं या छात्र स्कूल-कॉलेज में यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकती हैं। इसके अलावा हाईकोर्ट ने कहा था, इस्लाम में हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं है।

हिजाब विवाद पर फैसले के बाद हाईकोर्ट के सभी न्यायाधीशों की सुरक्षा बढ़ा दी गई। हिजाब विवाद मामले की सुनवाई के लिए 9 फरवरी 2022 को चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की बेंच का गठन किया गया था। बता दें कि छात्राओं की तरफ से दायर की गई याचिका में मांग की गई थी कि क्लास के दौरान भी उन्हें हिजाब पहनने की इजाजत दी जाए। क्योंकि, हिजाब उनके धर्म का अनिवार्य हिस्सा है।

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