हिमाचल उपचुनाव: बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपने गृहराज्य में मिली करारी हार, वोट शेयर घटा, जानें वजह
हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर ने हार को स्वीकार कर लिया है और ये गृहराज्य जेपी नड्डा का भी है। वैसे भाजपा में गुटबाजी, महंगाई, युवाओं के समर्थन की कमी और वीरभद्र सिंह के निधन से कांग्रेस को सहानुभूति जैसे कई कारक हैं, जो हार की ओर इशारा करते हैं.;
हिमाचल प्रदेश उपचुनाव के नतीजे (Himachal Pradesh by-election results) घोषित हो गए हैं। हिमाचल में कांग्रेस (Congress In Himachal) ने एक लोकसभा और 3 विधानसभा सीटों (Assembly By Election Results) पर जीत दर्ज की तो राज्य के सीएम ने हार को स्वीकार कर ली और ये गृहराज्य जेपी नड्डा का भी है। वैसे भाजपा में गुटबाजी, महंगाई, युवाओं के समर्थन की कमी और वीरभद्र सिंह के निधन से कांग्रेस को सहानुभूति जैसे कई कारक हैं, जो हार की ओर इशारा करते हैं.
दिवंगत मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने मंडी संसदीय सीट से जीत हासिल की है। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कारगिल युद्ध नायक और भाजपा उम्मीदवार ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर को 8 हजार से ज्यादा मताों से हरा दिया। प्रतिभा सिंह ने जीत के लिए जनता का शुक्रिया अदा किया। लोकसभा और विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं। जिसमें नतीजे भाजपा के लिए बहुत उत्साहजनक नहीं थे। बंगाल में ममता बनर्जी बाजी मार गईं।
हार पार्टी के लिए निराशाजनक भी है, क्योंकि हिमाचल भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का गृहराज्य है और यहां की सत्ता में भी भाजपा सरकार है। हिमाचल प्रदेश में 2017 से बीजेपी की सरकार है और वहां की जनता लगातार बढ़ती महंगाई से परेशान है। चुनाव प्रचार के दौरान लोगों ने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखी है। मंगलवार को चार सीटों के नतीजे घोषित होने के बाद खुद सीएम जय राम ठाकुर ने माना कि बीजेपी की हार की वजह महंगाई मानी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, हिमाचल में बीजेपी चारों सीट हार गई, जिसके बाद उसका 49 फीसदी वोट शेयर अब 24 फीसदी रह गया है। सीएम जय राम ठाकुर ने मंगलवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांग्रेस ने महंगाई के मुद्दे को हथियार की तरह इस्तेमाल किया है। इस उपचुनाव में महंगाई एक बड़ा मुद्दा था। जय राम ठाकुर ने कहा कि महंगाई एक वैश्विक मुद्दा है, इतना ही नहीं। उन्होंने माना कि इन सब चीजों ने हमें बहुत नुकसान पहुंचाया है।