आंतरिक सुरक्षा को लेकर गृह मंत्री अमित शाह एक्शन में, बैठक में पहुंचे अजीत डोभाल, आईबी और रॉ चीफ
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में गृहमंत्री बने अमित शाह देश की आतंरिक सुरक्षा को लेकर लागातर बैठके कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उच्चस्तरीय बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, आईबी और रॉ चीफ, गृह सचिव समेत कई अधिकारी मौजूद हैं।;
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में गृहमंत्री बने अमित शाह देश की आतंरिक सुरक्षा को लेकर लागातर बैठके कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उच्चस्तरीय बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, आईबी और रॉ चीफ, गृह सचिव समेत कई अधिकारी मौजूद हैं।
माना जा रहा है कि बैठक में पश्चिम बंगाल में बिगड़ते हालातों को लेकर अहम चर्चा हो रही है। बंगाल के हालात को लेकर अमित शाह ने ममता सरकार के रिपोर्ट भी मांगी थी। जिसके जवाब में कहा गया कि यहां हालात काबू हैं। दो दिन पहले भी अमित शाह में एक अहम बैठक ली थी।
बता दें कि बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली इलाके में भाजपा और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच खूनी संघर्ष हुआ। इस हादसे में तीन कार्यकर्ताओं की मौत के बाद यहां सियासी बयानबाजी शुरू हो गई।
जिसके बाद राज्य में भाजपा जगह जगह विरोध प्रदर्शन कर रही है तो वहीं आज भाजपा ने राज्य में काला दिवस मनाने का ऐलान किया है। विवाद तब ज्यादा बढ़ा जब भाजपा कार्यकर्ताओं ने शवों को कोलकाता ले जाकर अंमिम संस्कार करने के लिए कहा लेकिन पुलिस ने उन्हें जाने से रोक।
टीएमसी का गृह मंत्री पर गंभीर आरोप
तृणमूल कांग्रेस ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को सोमवार को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार को भेजा गया गृह मंत्रालय का परामर्श विपक्ष शासित राज्यों में ''सत्ता हथियाने की'' चाल और ''गहरा षड्यंत्र'' है। तृणमूल कांग्रेस के महासचिव एवं पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी ने पत्र में लिखा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जमीनी हकीकत जाने बिना या राज्य सरकार से रिपोर्ट लिए बिना निष्कर्ष निकाल लिया।
उन्होंने लिखा कि हमारे पास यह मानने का कारण है कि यह राजनीतिक रूप से भाजपा के विरोधी दलों के शासन वाले राज्यों में सत्ता हथियाने के लिए चली गई चाल है। इतना ही नहीं, यह राज्य सरकार को बदनाम करने और अलोकतांत्रिक, अनैतिक तथा असंवैधानिक तरीकों से पश्चिम बंगाल का प्रशासन हथियाने के लिए रचा गया एक गहरा षड्यंत्र है।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को गत रविवार को परामर्श जारी कर राज्य में चुनाव के बाद से जारी हिंसा पर 'गहरी चिंता' व्यक्त की थी और उससे कानून-व्यवस्था बनाए रखने को कहा था। इसके बाद रविवार रात पश्चिम बंगाल सरकार ने इसके जवाब में एक पत्र लिखकर कहा था कि राज्य में स्थिति ''नियंत्रण में'' है और उसकी कानून प्रर्वतन एजेंसियां नाकाम नहीं हुई हैं। यह परामर्श शनिवार को संदेशखाली में हुई हिंसा की पृष्ठभूमि में जारी किया गया था। भाजपा ने दावा किया है कि उसके पांच कार्यकर्ता मारे गए हैं जबकि तृणमूल कांग्रेस के अनुसार एक व्यक्ति की मौत हुई है।
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