नई नीति से सहकारिता क्षेत्र में आएगा बदलाव, अमित शाह ने बताई ये वजह

राज्यों के सहकारिता मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि नई नीति (New Policy) का मसौदा तैयार करने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है।;

Update: 2022-09-08 09:25 GMT

दिल्ली के विज्ञान भवन में गुरूवार को राज्यों के सहकारिता मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि नई नीति (New Policy) का मसौदा तैयार करने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु (Suresh Prabhu) की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। इसमें हर राज्य का प्रतिनिधित्व होगा। अमित शाह ने कहा कि वर्तमान में देश में 65 हजार सक्रिय प्राथमिक कृषि ऋण संस्थान (पीएसी) हैं।

हमने अगले पांच वर्षों में तीन लाख पीएसी (PCA) स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। 2.25 लाख नई सोसायटियों को पंजीकृत करने का लक्ष्य है। उन्होंने राज्यों के सहकारिता मंत्रियों से उपनियमों को तेजी से अपनाने और इन समितियों को पुनर्जीवित करने की दिशा में काम करने को कहा।

उन्होंने कहा कि नई नीति का फोकस सहकारी समितियों (Cooperative Societies) का मुफ्त पंजीकरण, कम्प्यूटरीकरण, लोकतांत्रिक चुनाव, सक्रिय सदस्यता, नेतृत्व में व्यावसायिकता और पारदर्शिता, समिति के पदाधिकारियों की जवाबदेही और जवाबदेही सुनिश्चित करना होगा। सहकारी क्षेत्र के सभी हितधारकों के साथ इस पर चर्चा की जाएगी। शाह ने कहा कि नई नीति से सहकारिता क्षेत्र में समग्र विकास होगा।

अमित शाह ने कहा, समग्र विकास के लिए राष्ट्रीय सहकारी नीति (National Cooperative Policy) का मसौदा तैयार करने के लिए समिति गठित और इसमें हर राज्य का प्रतिनिधित्व होगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु (Suresh Prabhu) समिति के अध्यक्ष होंगे। निष्क्रिय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) को जल्द से जल्द समाप्त किया जाना चाहिए, ताकि नए पैक्स का निर्माण किया जा सके। उन्होंने कहा कि हमने विभिन्न सहकारी समितियों में आवश्यक प्रशिक्षित जनशक्ति प्राप्त करने के लिए सभी राज्यों में एक सहकारी विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध महाविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है।

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