केंद्र ने अरुणाचल प्रदेश के अशांत क्षेत्रों में AFSPA को 6 महीने के लिए बढ़ाया, जानें क्या है एएफएसपीए

केंद्र सरकार (Central Government) ने शुक्रवार को अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तीन जिलों और चार पुलिस स्टेशनों (Police Stations) के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों को अशांत क्षेत्र घोषित किया और सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम (AFSPA)-1958 को 6 महीने के लिए बढ़ा दिया।;

Update: 2022-04-01 04:37 GMT

केंद्र सरकार (Central Government) ने शुक्रवार को अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तीन जिलों और चार पुलिस स्टेशनों (Police Stations) के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों को अशांत क्षेत्र घोषित किया और सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम (AFSPA)-1958 को 6 महीने के लिए बढ़ा दिया। गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) द्वारा जिन स्थानों को अशांत क्षेत्र घोषित किया गया है उनमें तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिले शामिल हैं।

इसके अलावा नामसी जिले के नामसाई और महादेवपुर थाना क्षेत्र, लोअर दिबांग घाटी जिले के रोइंग थाना क्षेत्र, लोहित जिले के सुनपुरा थाना क्षेत्र को भी अशांत क्षेत्र घोषित किया गया है, जिसके बाद यहां अगले 6 महीने के लिए AFSPA लागू रहेगा। इसके अलावा, AFSPA अधिनियम वर्तमान में मणिपुर, नागालैंड और असम में भी लागू है।

केंद्र सरकार (Central Government) ने सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अरुणाचल प्रदेश में तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों और नामसाई और महादेवपुर पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों को घोषित किया था। असम राज्य की सीमा से लगे नामसाई जिले के स्टेशनों को 'अशांत' क्षेत्र घोषित किया गया है।"

अरुणाचल प्रदेश के इन क्षेत्रों में कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा AFSPA द्वारा केंद्र की अधिसूचना के अनुसार की गई है। "अरुणाचल प्रदेश के नामसाई और महादेवपुर पुलिस थानों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों में तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों में कानून और व्यवस्था की स्थिति की एक और समीक्षा की गई है," केंद्र ने 1 अप्रैल से 30 सितंबर, 2022 तक एएसएफपीए, 1958 की धारा 3 के तहत इन क्षेत्रों को "अशांत" क्षेत्र घोषित किया है, जब तक कि इसे पहले वापस नहीं लिया जाता।

क्या है AFSPA

अशांत पूर्वोत्तर में कार्रवाई में सेना की मदद करने के लिए 11 सितंबर 1958 को सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) पारित किया गया था। अशांत क्षेत्रों में AFSPA लागू किया जाता है। ऐसे क्षेत्रों में सुरक्षा बलों के पास बिना वारंट के किसी को भी गिरफ्तार करने की शक्ति होती है और कई मामलों में बल प्रयोग भी किया जा सकता है। वहीं जब 1989 के आसपास जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद बढ़ने लगा तो 1990 में यहां भी यह कानून लागू किया गया था।

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