तवांग झड़प के बाद भारत-चीन के बीच हुई सैन्य वार्ता, जानिये किस चीज को लेकर बनी सहमति
भारत और चीन के बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता हुई है। इस वार्ता में पूर्वी लद्दाख में शेष मुद्दों के समाधान के लिए बातचीत की। पढ़िये रिपोर्ट...;
भारत और चीन के बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए बातचीत का रास्ता अपनाया गया है। भारत और चीन ने बीते 20 दिसंबर यानी मंगलवार को 17वें दौर की उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता की थी। इस वार्ता में पूर्वी लद्दाख में शेष मुद्दों के समाधान को लेकर वार्ता हुई। इसके बाद 22 दिसंबर को एक संयुक्त बयान जारी कर लोगों को इसकी जानकारी दी गई। संयुक्त बयान में कहा कि लंबित मुद्दों के जल्द से जल्द समाधान करने के लिए दोनों देशों के नेताओं के बीच बातचीत हुई।
भारत-चीन के बीच बातचीत सफल
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यहां एक प्रेसवार्ता किया और संयुक्त बयान के हवाले से कहा कि 17वें दौर की भारत-चीन कमांडर स्तरीय वार्ता चीनी क्षेत्र में 20 दिसंबर को हुई थी। इस क्रम में दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे क्षेत्रों में प्रासंगिक मुद्दों के समाधान पर बातचीत किया। इस बयान में कहा गया कि इस वार्ता से पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर शांति बहाली में मददगार साबित होगी। इस बीच दोनों देशों ने पश्चिमी सेक्टर में जमीनी स्तर पर सुरक्षा और स्थिरता बरकरार रखने पर सहमति जताई है।
लंबे समय से चल रहा विवाद
भारत और चीन के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। विशेषकर अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी सेना ने घुसने का प्रयास किया, जिसके बाद भारतीय सैनिकों ने लाठी डंडों से दुश्मन सेना को खदेड़ दिया। इसके बाद से भारत ने चीन सीमा के पास चौकसी और बढ़ा दी है। इसी कड़ी में दोनों देशों ने हवाई गश्त भी की और सैन्य सुरक्षा इंतजाम को भी कड़ा कर दिया। इससे लग रहा था कि दोनों देशों क बीच औपचारिक युद्ध हो सकता है, लेकिन अब दोनों देशों की उच्च सैन्य अधिकारियों की वार्ता ने समाधान को सुलझाने पर बातचीत की है।
चीन की स्थिति पर रखी जा रही निगरानी
विदेश मंत्रालय प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि हम चीन में कोविड की स्थिति पर भी नजर रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने अभी तक ट्रैवल एडवाइजरी जारी नहीं की है, लेकिन कोविड प्रभावित देशों में रह रहे भारतीयों से वहां लागू दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की है।