भारत-चीन विवाद आंखों देखी : चीन के कमांडिंग ऑफिसर की मौत, पडो़सी देश के 40 सैनिक नदी में गिरे, जानिए कैसे शुरू हुई लड़ाई

भारतीय सेना ने जब जवाबी कार्रवाई की तो चीन की दूसरी गश्त वहां पहुंच गई। इसके बाद भारतीय सेना की भी दूसरी गश्त वहां पहुंच गई। इसके बाद एक-एक करके सेना की टुकड़ियां आनी शुरू हो गई।;

Update: 2020-06-17 04:14 GMT

पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने एक अखबार से बातचीत करते हुए बताया कि हिंसा किस तरह से हुई है। अधिकारी ने बताया कि गलवान घाटी में सोमवार शाम चार बजे से आधी रात हिंसा हुई। गलवान घाटी करीब 15 हजार फीट की ऊंचाई पर है। अधिकारी ने आंखों देखा हाल बताते हुआ कहा कि चीन की सेना ने धोके से साजिश रचकर भारतीय सेना पर हमला किया। हमले के दौरान चीन की सेना लोहे की रॉड से लैस थी। लेकिन भारतीय सेना हमले के लिए तैयार नहीं थी। क्योंकि हाल ही में भारत और चीन के कोर कमांडरों के सहमति बनी थी कि सेनाएं मौजूदा स्थिति से करीब तीन किलोमीटर पीछे हटेंगी। इस सहमति के तहत चीनी सेना को एलएसी की पोस्ट-1 पर जाना था। इस प्रक्रिया की पुष्टि के लिए दोनों देशों की सेनाओं ने अपनी-2 टीमें लगा रखी थी।

अधिकारी ने आगे बताया कि बीते सोमावार यानी 15 जून को भारतीय सेना के कमांडिग अधिकारी के साथ 10 सेना के जवान पॉइंट-14 के निकट चीन की सेना के लौटने की निगरनी कर रहे थे। उन्होंने बताया की लगभग चीन के 20 सैनिकों को इस स्थान पर से हटना था। लेकिन चीनी सेना के जवान यहां से नहीं हटे तो झड़प शुरू हो गई। इस दौरान लोहे की रॉड से लैस चीन की सेना ने भारतीय कमांडिग अधिकारी पर हमला बोल दिया।

भारतीय सेना ने जब जवाबी कार्रवाई की तो चीन की दूसरी गश्त वहां पहुंच गई। इसके बाद भारतीय सेना की भी दूसरी गश्त वहां पहुंच गई। इसके बाद एक-एक करके सेना की टुकड़ियां आनी शुरू हो गई। इस तरह चीन के लगभग 800 सैनिक इकट्ठा हो गए। लेकिन भारतीय सेना चीन की सेना के मुकाबले कम रही। शाम छह बजे तक दोनों देशों की सेनाओं के बीच घमासान होने लगा था। सैनिक, पत्थर, लाठी और लोहे की रॉड से एक दूसरे पर हमला कर रहे थे।

इसी कारण 15 हजार फीट की ऊंचाई पर भगदड़ मच गई। रात के अंधेर में सेना के कई जवान चोटी से नीचे गलवान घाटी में गिर गए। रिज टूटने के कारण करीब 40 से 50 जवान खाई में गिर गए। जब से ही भारतीय सेना के कई जवान लापता हो गए। अभी यह मालूम नहीं है कि ये जवान नदी में गिरे या चीन के कब्जे में हैं। लेकिन एक चीनी कामांडिंग के मारे जानें की भी खबर है। उन्होंने बताया कि दोनों देशों की सेनाओं के ग्रुपों में झड़पें रात तक चलती रहीं। रात करीब 12 बजे के बाद मामला शांत हुआ। दोनों सेनाओं ने अपने जवानों की तलाश भी जारी रखी। खबर है कि चीन के करीब 40 सैनिक नदी में भी गिरे हैं।

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