भारत के खिलाफ आया इस्लामिक देशों का संगठन, बढ़ सकती है मुश्किलें
सऊदी अरब की मंजूरी के बिना इस बैठक का होना मुमकिन नहीं था। इस बैठक के होने का अर्थ यह है कि सऊदी अरब ने इस बैठक की मंजूरी दी है। ऐसे में इस बैठक का होना भारत के लिए परेशानी का विषय बन सकता है।;
भारत-चीन मामलों के बीच पाकिस्तान भी लगातार भारत की सीमाओं पर सीजफायर का उल्लंघन करता रहा है। इसी बीच इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ इस्लामिक कॉपरेशन (ओआईसी) ने आज जम्मू-कश्मीर को लेकर आपातकालीन बैठक बुलाई। इस बैठक में ओआईसी के कॉन्टैक्ट ग्रुप के विदेश मंत्री शामिल होंगे। बता दें कि संगठन की बैठक के बाद भारत की मुश्किलें काफी बढ़ सकती है।
1994 में बना था ये संगठन
ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ इस्लामिक कॉपरेशन (ओआईसी) के इस कॉन्टैक्ट ग्रुप का निर्माण 1994 में हुआ था। इस ग्रुप में अज़रबैजान, नीज़ेर, पाकिस्तान, सऊदी अरब और तुर्की में शामिल हैं।
पाकिस्तान बना रहा था बैठक का दबाव
कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद से पाकिस्तान काफी परेशान रहा है। साथ ही वो लगातार ओआईसी पर दबाव बनाता रहा है कि वो भारत के खिलाफ पाकिस्तान का साथ दे। लेकिन ओआईसी ने ऐसा कुछ नहीं किया। इसका एकमात्र कारण था सऊदी अरब।
ओआईसी में कोई भी फैसला सऊदी अरब की मर्जी के बिना नहीं लिया जाता है और सऊदी अरब के संबंध भारत के साथ अच्छे हैं। इस कारण से सऊदी अरब भारत के खिलाफ नहीं जाना चाहता था। पाकिस्तान की मुश्किल उस समय ज्यादा बढ़ गई थी जब संयुक्त अरब अमीरात ने सीधे शब्दों में कह दिया था कि कश्मीर भारत का आंतरिक मुद्दा है।
पाकिस्तान ने तुर्की, मलेशिया और ईरान के साथ की थी मीटिंग की कोशिश
जब सऊदी अरब से भारत के हित में बयान आ गया, तो पाकिस्तान की हालत ज्यादा खराब हो गई। उसने तुर्की, मलेशिया और ईरान के साथ गुट बनाने की कोशिश की, लेकिन सऊदी अरब को इससे ओआईसी पर खतरा दिखाई दिया। उसने पाकिस्तान को इस तरह की गुटबाजी करने से रोक दिया। वहीं तुर्की, मलेशिया और मालदीव भी भारत के हित में खड़े दिखे। इससे पाकिस्तान की परेशानी और ज्यादा बढ़ गई।
भारत के लिए मुसीबत बन सकता है ये बैठक
चीन के साथ विवादों के बीच इस बैठक का होना काफी आश्चर्यजनक दिखाई पड़ रहा है। जैसा कि हम जानते हैं कि सऊदी अरब की मंजूरी के बिना इस बैठक का होना मुमकिन नहीं था। अब जब यह बैठक हो रही है तो इसका अर्थ यह है कि सऊदी अरब ने इस बैठक की मंजूरी दी है। जानकारों का मानना है कि चीन, पाकिस्तान और नेपाल के द्वारा भारत के खिलाफ अपनाए रुख के बीच इस बैठक का होना भारत के लिए परेशानी का विषय बन सकता है।
The Organization of Islamic Cooperation (OIC) Contact Group on Jammu and Kashmir will hold an emergency foreign ministerial meeting via video conference on 22 June 2020, to discuss the latest situation in #JammuAndKashmir. #JammuKashmir #Jammu #Kashmir pic.twitter.com/VhzTgTizrX
— OIC (@OIC_OCI) June 21, 2020