India-US Dialogue: भारत-अमेरिका के बीच टू प्लस टू वार्ता खत्म, इन अहम मुद्दों पर हुई चर्चा

India-US Dialogue: भारत-अमेरिका टू प्लस टू वार्ता दिल्ली में समाप्त हो चुकी है। बैठक की सह अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की हैं। इसमें अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन भी मौजूद रहे। पढ़ें इस बैठक में किन खास मुद्दों पर हुई चर्चा।;

Update: 2023-11-10 04:01 GMT

India-US Dialogue: आज भारत-अमेरिका के बीच टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता (Two Plus Two Dialogue) समाप्त हो चुकी है। इसके लिए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन दिल्ली में मौजूद रहे। इस बैठक में भारत और अमेरिका (US) के बीच सुरक्षा सहयोग और साझेदारी बढ़ाने पर बातचीत हुई। इजरायल और हमास के बीच भीषण संघर्ष जारी है। लेकिन इस बीच विश्वभर में हो रही बैठकें कहीं ना कहीं इस युद्ध से जुड़ती हुई नजर आ रही हैं। आज भारत में अमेरिकी रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री अपने समकक्ष विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर चुके हैं। आइए जानते हैं कि इस बैठक में क्या खास मुद्दे रहे।

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने जानकारी देते हुए कहा कि हमने अभी-अभी भारत और अमेरिका के बीच टू प्लस टू वार्ता के एक बहुत ही फायदेमंद और ठोस पांचवें संस्करण का समापन किया है। आज की बैठकें और बैठक के आसपास का माहौल द्विपक्षीय साझेदारी की स्थायी प्रतिबद्धता का संकेत था। विशेष रूप से महत्वपूर्ण बात यह है कि इस साझेदारी को और अधिक विस्तारित करने और इसे और अधिक गहरा करने के लिए मिलकर काम करने की हमारी इच्छा है।

एंटनी ब्लिंकन बोल- इनोवेशन की शक्ति का इस्तेमाल कर रहे

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी जे. ब्लिंकन ने कहा कि हम अपनी अर्थव्यवस्थाओं को अधिक लचीला बनाने और अपने समुदायों को ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए इनोवेशन की शक्ति का एक साथ इस्तेमाल कर रहे हैं। यह सेमीकंडक्टर और उन्नत जैव प्रौद्योगिकी पर सहयोग, हमारे देशों के साथ-साथ पूरे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर स्वच्छ ऊर्जा को तैनात करने में हमारे अभूतपूर्व निवेश और अंतरिक्ष में हमारे संयुक्त अनुसंधान व अन्वेषण परियोजनाओं में स्पष्ट है। उन्होंने आगे कहा कि हम अपने लोगों के बीच संबंधों को गहरा कर रहे हैं, जो वास्तव में हर चीज के केंद्र में है। नए शैक्षिक आदान-प्रदान की खोज करना, यहां तक कि हमारे देशों के बीच यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए कदम उठाना और वीजा के समय में कटौती करना।

एस जयशंकर बोले- चर्चाओं का मुख्य फोकस इंडो-पैसिफिक क्षेत्र

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि इस साल का मुख्य आकर्षण जून में पीएम की अमेरिका की राजकीय यात्रा थी। इसने हमारे संबंधों में एक नया अध्याय खोला है। राष्ट्रपति जो बाइडेन की सितंबर में दिल्ली की यात्रा ने हमारे संबंधों के सकारात्मक भूमिका निभाई है। जी-20 शिखर सम्मेलन में उनका समर्थन बहुत जरूरी था। आज की बातचीत हमारे संबंधित नेताओं के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने का एक अवसर होगी। एक दूरदर्शी साझेदारी का निर्माण जबकि हम एक साझा वैश्विक एजेंडा का निर्माण करते हैं।

टू प्लस टू वार्ता में हम क्रॉस-कटिंग रणनीतिक, रक्षा और सुरक्षा संबंधों, प्रौद्योगिकी और आपूर्ति श्रृंखला सहयोग और लोगों से लोगों के आदान-प्रदान का व्यापक अवलोकन करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा व्यापार है आज 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक 2,70,000 भारतीय छात्र अमेरिका में पढ़ते हैं और हमारे पास 4.4 मिलियन का प्रवासी है। आज हमारी चर्चाओं का मुख्य फोकस इंडो-पैसिफिक क्षेत्र होगा।

लॉयड ऑस्टिन बोले- दो सबसे बड़े लोकतंत्र के विचारों का आदान-प्रदान

भारत-अमेरिका टू प्लस टू वार्ता में अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि हम एक महान गति के समय में मिल रहे हैं। तत्काल वैश्विक चुनौतियों के सामने, यह पहले से कहीं अधिक जरूरी है कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र विचारों का आदान-प्रदान करते हैं, सामान्य लक्ष्य ढूंढते हैं और अपने लोगों के लिए काम करते हैं। हमने पिछले साल में अपनी प्रमुख रक्षा साझेदारी के निर्माण में लाभ कमाया है और इससे हमें शांति व स्थिरता के लिए और भी अधिक योगदान करने में मदद मिलेगी। हम हमारे औद्योगिक आधारों को एकीकृत कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी साझा कर रहे हैं। हमारे सहयोग का दायरा विशाल है और यह समुद्र से अंतरिक्ष तक फैला है। हमारी साझेदारी की ताकत लोगों से लोगों के बीच संबंधों में निहित है हमारी लंबी दोस्ती का दिल एक साथ है। हमारे राजनयिक, उद्यमी और छात्र स्वच्छ ऊर्जा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और अर्धचालक सहित नए क्षेत्रों में हमारी साझेदारी का विस्तार कर रहे हैं।

राजनाथ सिंह ने क्या कहा

भारत-अमेरिका टू प्लस टू वार्ता के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों में रणनीतिक हितों का बढ़ता अभिसरण और रक्षा, सुरक्षा और खुफिया सहयोग में बढ़ोतरी देखी गई है। रक्षा इनमें से एक बनी हुई है हमारे द्विपक्षीय संबंधों के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ। आपकी भारत यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत और अमेरिका पहले से कहीं अधिक करीब हैं। विभिन्न उभरती भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद, हमें महत्वपूर्ण और दीर्घकालिक मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित रखने की आवश्यकता है। हमारी साझेदारी एक स्वतंत्र, खुले और नियमों से बंधे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को सुनिश्चित करने के लिए यह महत्वपूर्ण है। हम क्षमता के क्षेत्र में और साझेदारियों के लिए अमेरिका के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं जो चुनौतियों का समाधान कर सकें।

फोकस में रक्षा और सुरक्षा सहयोग

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लिंकन, ऑस्टिन, जयशंकर और सिंह के बीच वार्षिक 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता तब हो रही है जब भारत अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ क्वाड गठबंधन का हिस्सा है। क्वाड रक्षा संबंधों को बढ़ाना चाहता है और अपने प्राथमिक सैन्य आपूर्तिकर्ता के रूप में रूस पर निर्भरता से दूर जाना चाहता है।

इजराइल-हमास संघर्ष पर भारत का रुख

भारत ने पहले भी अमेरिका की तर्ज पर इजरायल के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए हमास की कड़ी आलोचना की थी। वार्ता का उद्देश्य गाजा संघर्ष पर चर्चा करना और इसे बढ़ने से रोकने, मध्य पूर्व में स्थिरता बनाए रखने और दो-राज्य समाधान को बढ़ावा देने के साझा लक्ष्यों पर जोर देना है। यह वार्ता चीन के उदय के बीच भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने में बिडेन प्रशासन की प्राथमिकता को रेखांकित करती है। भारत और उसका उत्तरी पड़ोसी चीन लंबे समय से सीमा विवाद से जूझ रहे हैं, 2020 में हिमालय में एक घातक झड़प के कारण तनाव और बढ़ गया है। 3,500 किलोमीटर (2,200 मील) तक फैली साझा सीमा लगातार तनाव का स्रोत बनी हुई है।

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