भारत अपनी डिजिटल संप्रभुता के साथ कोई समझौता स्वीकार नहीं करेगा: रविशंकर प्रसाद

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि  आम लोगों, पत्रकार, उद्योगपतियों तक को ट्रोल किया जाता है। हम निजता का सम्मान करते हैं। पर कंपनियों को आतंकी गतिविधियों, असामाजिक तत्वों, राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से संबंधित मामलों में जानकारी उपलब्ध करानी पड़ेगी।;

Update: 2021-05-29 02:18 GMT

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्विटर विवाद पर बड़ा बयान दिया है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि भारत अपनी डिजिटल संप्रभुता के साथ कोई समझौता स्वीकार नहीं करेगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक समाचार चैनल के पत्रकार से सोशल मीडिया के लिए नए आईटी नियम और ट्विटर विवाद पर बातचीत के दौरान कहा कि बड़ी सोशल मीडिया कंपनियां भारत से बड़ा मुनाफा बनाती हैं। इनकी देश में बड़ी मौजूदगी है।

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि  आम लोगों, पत्रकार, उद्योगपतियों तक को ट्रोल किया जाता है। हम निजता का सम्मान करते हैं। पर कंपनियों को आतंकी गतिविधियों, असामाजिक तत्वों, राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से संबंधित मामलों में जानकारी उपलब्ध करानी पड़ेगी। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि हम आलोचना का सम्मान करते हैं। आलोचना कोई भी कर सकता है क्योंकि ये हमारे लोकतंत्र का हिस्सा है। पर कानून सर्वोपरि हैं। भारत अपनी डिजिटल संप्रभुता के साथ किसी भी रूप में समझौता नहीं कर सकता है।

भारत एक लोकतांत्रिक देश है जो कि संविधान के हिसाब से चलता है। ट्विटर को हमें लोकतंत्र की मेरिट के आधार पर लेक्चर देना बंद करना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि देश में कुछ लोग ट्विटर पर राजनीति करते हैं अब ट्विटर के साथ मिलकर राजनीति कर रहे हैं। भारत में शिकायत निवारण अधिकारी की मौजूदगी होनी चाहिए। इन कंपनियों को भारतीय संविधान का सम्मान करना सीखना होगा।

रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि सभी यूजर्स को संपूर्ण स्वतंत्रता है कि वो पहले की तरह प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करें। उनके कंटेंट को डिस्क्लोज करने की कोई जरूरत नहीं है। आगे कहा कि लद्दाख चीन का हिस्सा है?

दोहरे मापदंड भारत, अमेरिका और अन्य देशों में दिखे हैं। मीडिया के पास शिकायत निवारण का मैकेनिजम है। मुद्दा ये है कि इरादा भी होना चाहिए। डिजिटल इंडिया को विश्वभर में सम्मान के साथ देखा जाता है। किसी भी भारतीय की सहमति के अधिकार का सम्मान किया जाना चाहिए। हम तकनीक पर भरोसा करते हैं।

Tags:    

Similar News