सेना मुख्यालय में शुरू हुई महिलाओं को स्थायी कमीशन देने की कवायद
रक्षा मंत्रालय के महिलाओं को स्थायी कमीशन देने के फैसले के बाद अब सेना मुख्यालय में इसे लेकर कवायदें तेज हो गई हैं। जल्द ही इसे लेकर सेना का विशेष नंबर 5 सलेक्शन बोर्ड बैठेगा। जिसमें स्थायी कमीशन की इच्छुक महिला अधिकारियों के आवेदनों की अन्य जरूरी दस्तावेजों के साथ स्क्रीनिंग की जाएगी।;
रक्षा मंत्रालय के महिलाओं को स्थायी कमीशन देने के फैसले के बाद अब सेना मुख्यालय में इसे लेकर कवायदें तेज हो गई हैं। जल्द ही इसे लेकर सेना का विशेष नंबर 5 सलेक्शन बोर्ड बैठेगा। जिसमें स्थायी कमीशन की इच्छुक महिला अधिकारियों के आवेदनों की अन्य जरूरी दस्तावेजों के साथ स्क्रीनिंग की जाएगी।
सेना के मुताबिक विमेन स्पेशल एंट्री स्कीम (डब्ल्यूएसईएस) और शॉर्ट सर्विस कमीशन विमेन (एसएससीडब्ल्यू) के जरिए सेना में शामिल होने वाली महिलाओं को स्थायी कमीशन के लिए अपना आवेदन फॉर्म, ऑप्शन सर्टिफिकेट और बाकी दस्तावेज 31 अगस्त 2020 तक सेना मुख्यालय में जमा कराने होंगे। इसके बाद बोर्ड द्वारा इनकी गहन जांच पड़ताल के बाद स्थायी कमीशन को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
सलेक्शन बोर्ड की बैठक से पहले महिलाओं को सेना मुख्यालय द्वारा सभी जरूरी दस्तावेज जमा कराने के लिए विस्तृत दिशानिर्देंश जारी कर दिए गए हैं। गौरतलब है कि रक्षा मंत्रालय के इस निर्णय के बाद कुल करीब 500 से अधिक महिला अधिकारियों को सीधे फायदा होगा। शीर्ष कोर्ट के फैसले से पहले सेना में 14 साल तक सेवा दे चुके पुरुषों को ही स्थायी कमीशन का विकल्प चुनने का अवसर मिलता था। महिलाओं को यह अधिकार नहीं मिलता था। वायुसेना और नौसेना ने पहले ही महिलाओं को स्थायी कमीशन देने की शुरूआत कर दी है।
इन दस क्षेत्रों में पीसी
करीब डेढ़ दशक लंबी कानूनी जंग लड़ने के बाद पिछले महीने 23 जुलाई को रक्षा मंत्रालय ने सेना को महिलाओं को स्थायी कमीशन देने का एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया था। यह आदेश इस वर्ष फरवरी महीने में सुप्रीम कोर्ट द्वारा महिलाओं के पक्ष में सुनाए गए फैसले की अनुपालना के तहत जारी किया गया था।
इसमें युद्धक भूमिका को छोड़कर महिलाओं को सेना के आर्मी एयर डिफेंस, सिग्नल, इंजीनियर, आर्मी एवीएशन, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर, आर्मी सर्विस कॉर्प, इंटेलीजेंस, जज-एडवोकेट जनरल और एजुकेशन कॉर्प जैसे क्षेत्रों में स्थायी कमीशन दिए जाने से संबंधित है।
कोविड-19 महामारी की वजह से महिला अधिकारियों तक समय पर जरूरी दिशानिर्देंश भेजने के लिए प्राथमिकता के आधार पर सेना मुख्यालय हर संभव कोशिश कर रहा है। सभी एप्लीकेशन की जांच पड़ताल के बाद ही बोर्ड फाइनल स्क्रीनिंग के लिए बैठेगा।