चीन-पाकिस्तान की उड़ी नींद- भारतीय सेना को जल्द मिलेंगे स्वदेशी 'एएलएच-मार्क 3' हेलीकॉप्टर, रक्षा मंत्रालय ने खरीद को दी मंजूरी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की बेठक में खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी। कुल खरीद में से 11,486 करोड़ रुपये के उपकरण और प्लेटफॉर्म घरेलू निकायों से खरीदे जाएंगे। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि डीएसी ने भारतीय सशस्त्र बलों की अभियान संबंधी जरूरतों और आधुनिकीकरण के लिए लगभग 13,165 करोड़ रुपये के पूंजी अधिप्राप्ति प्रस्तावों के लिहाज से अनिवार्यता स्वीकृति प्रदान की।;

Update: 2021-09-30 03:06 GMT

भारतीय सेना (Indian Army) की लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के लिए 25 स्वदेशी 'एएलएच-मार्क3' हेलीकॉप्टर (ALH-Mark 3 Helicopter) जल्द मिलने जा रहे हैं। इससे भारतीय सेना की ताकत और बढ़ जाएगी और चीन-पाकिस्तान (Chin-Pakistan) को झटका मिलने वाला है। इस 'एएलएच-मार्क3 हेलीकॉप्टर को एचएएल से 3850 करोड़ रुपये में खरीदे जाएंगे। रक्षा मंत्रालय (Defense Ministry) ने खरीद को मंजूरी दे दी। रक्षा मंत्रालय ने 13,165 करोड़ रुपये के सैन्य प्लेटफॉर्म और उपकरणों की खरीद के लिए मंजूरी दे दी। मंत्रालय ने कहा कि आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) स्क्वाड्रन के लिए भारतीय सेना की जरूरत को देखते हुए, इसकी अभियान संबंधी तैयारियों के लिहाज से आंतरिक क्षमता सुधार के लिए डीएसी ने एचएएल से 25 एएलएच मार्क-3 हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए मंजूरी दी है।

एचएएल से खरीदे जाएंगे हेलीकॉप्टर

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर खरीदने की लागत 3,850 करोड़ रुपये आंकी गयी है, वहीं रॉकेट के गोला-बारूद की एक खेप 4,962 करोड़ रुपये में खरीदी जाएगी। मंत्रालय ने छह दिन पहले ही एक और बड़ी खरीद को मंजूरी दी थी जिसके तहत सेना के लिए 7,523 करोड़ रुपये की लागत से सेना के लिए 118 मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी) अर्जुन खरीदे जा रहे हैं। स्वदेश निर्मित एएलएच मार्क-3 दोहरे इंजन वाला, बहु भूमिका वाला नयी पीढ़ी का हेलीकॉप्टर है जो 5.5 टन वजन की श्रेणी में आता है।

राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में की गई बैठक

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की बेठक में खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी। कुल खरीद में से 11,486 करोड़ रुपये के उपकरण और प्लेटफॉर्म घरेलू निकायों से खरीदे जाएंगे। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि डीएसी ने भारतीय सशस्त्र बलों की अभियान संबंधी जरूरतों और आधुनिकीकरण के लिए लगभग 13,165 करोड़ रुपये के पूंजी अधिप्राप्ति प्रस्तावों के लिहाज से अनिवार्यता स्वीकृति प्रदान की। कुल स्वीकृत राशि में से 11,486 करोड़ रुपये (87 प्रतिशत) की खरीद घरेलू स्रोतों से होनी है। मंत्रालय ने बताया कि इसके साथ ही डीएसी ने रक्षा खरीद प्रक्रिया 2020 के कुछ संशोधनों को भी स्वीकृति दे दी। 

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