भारत की अर्थव्यवस्था को लगा बड़ा झटका, विकास दर 3.1 फीसदी पर आयी
कोरोना लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था पर कितना गंभीर असर हुआ है, इसकी रिपोर्ट सामने आ गई है। वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में जीडीपी के आंकड़े सामने आ गए हैं। चौथी तिमाही में विकास दर 3.1 फीसदी रही, जबकि पूरे वित्त वर्ष की विकास दर 4.2 फीसदी रही।;
कोरोना लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था पर कितना गंभीर असर हुआ है, इसकी रिपोर्ट सामने आ गई है। वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में जीडीपी के आंकड़े सामने आ गए हैं। चौथी तिमाही में विकास दर 3.1 फीसदी रही, जबकि पूरे वित्त वर्ष की विकास दर 4.2 फीसदी रही।
कोरोना को लेकर पहले से ही संभावना जताई जा रही थी कि चौथी तिमाही की विकास दर काफी घटेगी। तीसरी तिमाही में विकास दर 4.7 फीसदी रही थी। इस रिपोर्ट को देखने के बाद यह साफ-साफ पता चल रहा है कि चौथी तिमाही और पूरे वित्त वर्ष को लेकर विकास दर का जो अनुमान था, सच्चाई उससे थोड़ा बेहतर है।
जीपीए आधार पर विकास दर 3 फीसदी
ग्रॉस वैल्यू ऐडेड (जीवीए) आधार पर रिपोर्ट को देखें तो चौथी तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था 3 फीसदी के हिसाब से विकास की, जबकि तीसरी तिमाही में विकास दर 4.5 फीसदी रही थी।
आर्थिक गतिविधियां सुस्त रही
कोविड-19 पर काबू के लिए सरकार ने 25 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा की थी। लेकिन जनवरी-मार्च के दौरान दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां सुस्त रहीं, जिसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा। भारतीय रिजर्व बैंक ने 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
5 फीसदी रहने का था अनुमान: एनएसओ
एनएसओ ने इस साल जनवरी फरवरी में जारी पहले और दूसरे अग्रिम अनुमान में वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। कोरोना वायरस महामारी की वजह से जनवरी-मार्च, 2020 के दौरान चीन की अर्थव्यवस्था में 6.8 प्रतिशत की गिरावट आई है।
इंडस्ट्रियल आउटपुट में 38 फीसदी की गिरावट
दूसरी तरह डीपीआईआईटी की तरफ से इंडस्ट्रियल आउटपुट की भी रिपोर्ट जारी की गई, जिसके मुताबिक अप्रैल महीने में आठ कोर सेक्टर आउटपुट में 38.10 फीसदी की भारी गिरावट आई है। मार्च में इन आठ सेक्टर में केवल 9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।
आईआईपी में 40 फीसदी से ज्यादा योगदान
इन आठ सेक्टर का इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन इंडेक्स (आईआईपी) में 40 फीसदी से ज्यादा का योगदान है। बता दें कि पिछले दो महीने से लगातार इसमें गिरावट आ रही है। फरवरी में यह 7.1 फीसदी था।
स्टील और सीमेंट सेक्टर को तगड़ा झटका
इस दौरान उर्वरक के उत्पादन में 4.5 फीसदी की गिरावट आई है. इसी तरह सीमेंट के उत्पादन में 86 फीसदी की जबरदस्त गिरावट आई है. अप्रैल में बिजली के उत्पादन में 22.8 फीसदी की गिरावट आई है. इस दौरान सबसे ज्यादा झटका स्टील और सीमेंट सेक्टर को लगा है. इस दौरान बिजली के उत्पादन में 22.8 फीसदी की भारी गिरावट आई है.
25 मार्च को लागू हुआ था लॉकडाउन
पूरे देश में 25 मार्च को लॉकडाउन लागू किया गया था। भारत में कोरोना का पहला मामला 30 जनवरी को आया था। ऐसे में 2019-20 की आखिरी तिमाही में लॉकडाउन केवल एक सप्ताह के लिए था। दूसरी तिमाही के दो महीने तो कंप्लीट लॉकडाउन में निकल गए हैं। असली समस्या की शुरुआत तो अब हुई है।