बड़ी परियोजनाओं के लिए नौसेना ने की रक्षा बजट बढ़ाने की मांग, 7 साल में घट गए 5 फीसदी बजट

जम्मू-कश्मीर से धारा-370 की हालिया समाप्ति के बाद मिल रही पाकिस्तानी गीदड़ भभकी और समुद्री सीमाओं के करीब मंडराते चीनी खतरे का मुकाबला करने के लिए भारतीय नौसेना पूरी तरह से अलर्ट है। लेकिन भविष्य में आधुनिक तकनीक के साथ अपने बेड़े की मारक क्षमता में इजाफा करने के लिए उसे बढ़ी हुई बजटीय धनराशि की दरकार है।;

Update: 2019-09-18 11:20 GMT

जम्मू-कश्मीर से धारा-370 की हालिया समाप्ति के बाद मिल रही पाकिस्तानी गीदड़ भभकी और समुद्री सीमाओं के करीब मंडराते चीनी खतरे का मुकाबला करने के लिए भारतीय नौसेना पूरी तरह से अलर्ट है। लेकिन भविष्य में आधुनिक तकनीक के साथ अपने बेड़े की मारक क्षमता में इजाफा करने के लिए उसे बढ़ी हुई बजटीय धनराशि की दरकार है।

इसके लिए रक्षा मंत्रालय को अवगत कराया जा चुका है। यह जानकारी यहां मंगलवार को खंडेरी पनडुब्बी के 28 सितंबर को नौसेना के बेड़े में शामिल होने के विषय को लेकर आयोजित किए गए एक संवाददाता सम्मेलन में उप-नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल जी़ अशोक कुमार ने दी।

20 फीसदी हो बजट

उन्होंने यह भी कहा कि नौसेना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन सागर (Security and growth for all in the region) को ध्यान में रखते हुए ढांचागत मजबूती की ओर आगे बढ़ रही है। मौजूदा पूंजीगत बजटीय धनराशि से हमारी इच्छाओं और आकांक्षाओं की पूर्ति कर पाना एक बड़ी चुनौती है। बीते करीब छह-सात सालों से नौसेना के बजट में बढ़ोतरी को लेकर की जा रही हमारी मांग पूरी नहीं हुई है।

हम नौसेना के लिए खरीदे जाने वाले सैन्य उपकरणों, बड़े प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी चाहते हैं। इसे कुल रक्षा बजट का 18 से 20 फीसदी किया जाना चाहिए। आंकड़ों के हिसाब से वर्ष 2012-13 में यह 18 फीसदी था और वर्ष 2019 आते-आते 13.66 फीसदी रह गया। नौसेना ने हालिया बजट आवंटन के बाद मंत्रालय के समक्ष पेश किए गए रिवाइज एस्टीमेट (आरई) में भी अतिरिक्त बजट की मांग की है।

नौसेना को इस वक्त 175 जहाजों की आवश्यकता है। इसके लिए बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना पड़ेगा। देश में बनाए जा रहे 51 जहाजों में से 41 को शुद्ध रूप से भारतीय शिपयार्डों में बनाया जा रहा है। बड़े प्रोजेक्टों में शुमार प्रोजेक्ट 17 (ए) पर 25 हजार करोड़ और प्रोजेक्ट 75 पर 48 हजार करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आएगा।

आकलन मुश्किल

बढ़ी हुई धनराशि का स्पष्ट आंकड़ा बताना मुश्किल है। क्योंकि नौसेना में किसी भी परियोजना की शुरुआत से पहले जब आवश्यकता (एओएन) को स्वीकार किया जाता है। उस वक्त प्रोजेक्ट को लेकर एक समयसीमा सामने होती है। लेकिन इसके हकीकत में सामने आते-आते लगभग एक दशक का वक्त लग जाता है। ऐसे में अतिरिक्त बजट के सटीक नंबर के बारे में टिप्पणी कर पाना मुश्किल है।

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