Indra Gandhi Death Anniversary : अपने फौलादी इरादों और बड़े से बड़े फैसले बेखौफ लेने के लिए आज भी जानी जाती हैं इंदिरा गांधी
Indra Gandhi Death Anniversary : 31 अक्टूबर भारत के इतिहास में एक ऐसा दिन दर्ज है जिस में देश ने एक बेबाक और निडर पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को खो दिया था। इंदिरा गांधी पहली महिला प्रधानमंत्री तो थीं ही इसके साथ ही वो ऐसी छवी वाली नेता भी थीं जिन्होंने देश की राजनीति को एक अलग ही रूप दिया था।;
Indra Gandhi Death Anniversary : 31 अक्टूबर भारत के इतिहास में एक ऐसा दिन दर्ज है जिस में देश ने एक बेबाक और निडर पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को खो दिया था। इंदिरा गांधी पहली महिला प्रधानमंत्री तो थीं ही इसके साथ ही वो ऐसी छवी वाली नेता भी थीं जिन्होंने देश की राजनीति को एक अलग ही रूप दिया था। महिलाओं को प्रेरणा देने वाली इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर की सुबह सिख अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी। मगर बेबाक बोलने वाली इंदिरा गांधी को आज भी याद किया जाता है। अपने फौलादी इरादों के लिए विख्यात और बड़े से बड़ा फैसला बेखौफ लेने वाली इंदिरा गांधी एक अलग ही शख्सियत की मालिक थीं। इंदिरा गांधी ने 1966 से 1977 के बीच लगातार तीन बार देश की बागडोर संभाली और उसके बाद 1980 में दोबारा इस पद पर पहुंचीं और 31 अक्टूबर 1984 को पद पर रहते हुए ही उनकी हत्या कर दी गई। भारत की एक ऐसी प्रधानमंत्री, जिसने देश ही नहीं बल्कि विदेशों में अपने नाम का डंका बजा दिया। दुश्मन देश भी भारत से खौफ खाने लगे थे। आखिर ऐसा क्या था कि अपनी मौत से एक दिन पहले ही देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपना भाषण बदल दिया और जनता के सामने ऐसा कुछ कह दिया, जिसे सुनकर सभी अवाक रह गए। मौत से पहले की वो रात जब इंदिरा गांधी सो नहीं सकी थीं और बहू सोनिया के साथ थीं।
19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद में हुआ था जन्म
इंदिरा गांधी का जन्म नेहरू खानदान में हुआ था। वह भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की इकलौती पुत्री थीं। आज इंदिरा गांधी को सिर्फ इस कारण नहीं जाना जाता कि वह पंडित जवाहरलाल नेहरू की बेटी थीं बल्कि इंदिरा गांधी अपनी प्रतिभा और राजनीतिक दृढ़ता के लिए 'विश्व राजनीति' के इतिहास में हमेशा जानी जाती रहेंगी। इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में एक संपन्न परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम था- 'इंदिरा प्रियदर्शिनी'। उन्हें एक घरेलू नाम भी मिला था जो इंदिरा का संक्षिप्त रूप 'इंदु' था। उनके पिता का नाम जवाहरलाल नेहरू और दादा का नाम मोतीलाल नेहरू था। पिता एवं दादा दोनों वकालत के पेशे से संबंधित थे और देश की स्वाधीनता में उनका महत्वपूर्ण योगदान था। माता का नाम कमला नेहरू था।
आयरन लेडी के खिताब से नवाजा गया
इंदिरा गांधी बेबाक बोलने और निडर होकर अपने फैसले पर कायम रहती थीं। उन्होंने देश में ही बल्कि विदेशों में भी अपना डंका बजवाया था। तेज तर्रार और निडर होकर फैसले लेने वाली देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को आयरन लेडी के खिताब से नवाजा गया था। इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए पाकिस्तान के दो टुकड़े करने और पंजाब में फैले उग्रवाद को उखाड़ फेंकने के लिए कड़ा फैसला लेते हुए स्वर्ण मंदिर में सेना भेजने का साहस दिखाया था।
इंदिरा गांधी के कुछ कड़े फैसले जिन्हें आज भी याद किया जाता है-
- पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) को आजाद कराने का फैसला
- 1974 में पोखरण में परमाणु विस्फोट कर पूरी दुनिया को चौंका दिया।
- खालिस्तान आंदोलन को दबाने के लिए ऑपरेशन 'ब्लू स्टार' का निर्णय
- बैंकों का राष्ट्रीयकरण इंदिरा का ही निर्णय था।
- रजवाड़ों के वर्चस्व को खत्म करने में इंदिरा गांधी की अहम भूमिका थी।