IPAC Conference: कनाडाई डिप्टी ऑर्मी चीफ पहुंचे दिल्ली, बोले- भारत के साथ सैन्य संबंधों पर नहीं पड़ेगा असर

IPAC Conference: भारतीय सेना हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सेना प्रमुखों के दो दिवसीय सम्मेलन की मेजबानी कर रही है। इसमें कनाडाई डिप्टी आर्मी चीफ भी शामिल होन के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। जानें उन्होंने भारत-कनाडा के सैन्य संबंधों को लेकर क्या कहा...;

Update: 2023-09-26 10:53 GMT

Indo-Pacific Armies Chiefs Conference: भारत और कनाडा के बीच रिश्ते अब तक के सबसे नाजुक मोड़ पर है। इसकी वजह है खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या का भारत पर झूठा आरोप। इस बीच कनाडाई सेना के डिप्टी आर्मी चीफ मेजर जनरल पीटर स्कॉट भारत पहुंचे हैं। यहां वह भारत-प्रशांत सेना प्रमुखों के सम्मेलन (IPAC) में भाग लेने आए हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद का सैन्य संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है और मामले को राजनीतिक स्तर पर ही सुलझाया जाना चाहिए।

कनाडा के डिप्टी ऑर्मी चीफ ने क्या कहा

कनाडा के डिप्टी ऑर्मी चीफ पीटर स्कॉट (Peter Scott) ने कहा कि यह हमारे दोनों देशों के बीच राजनीतिक स्तर पर एक मुद्दा है और हमारे प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने हाउस ऑफ कॉमन्स में यह मुद्दा उठाया और इस समय चल रही स्वतंत्र जांच पर भारत के सहयोग का अनुरोध किया है। उन्होंने आगे कहा कि हमारी दोनों सेनाओं के बीच इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। मैंने कल रात सेना के आपके कमांडर (Manoj Pandey) से बात की। हम दोनों इस बात पर सहमत हुए कि यह एक राजनीतिक मुद्दा है और इसका हमारे सैन्य संबंधों पर कोई ज्यादा असर नहीं पड़ने वाला है। उन्होंने कहा कि हम इंडो-पैसिफिक आर्मी चीफ्स कॉन्फ्रेंस (IPAC), 2023 के हिस्से के रूप में यहां आने के लिए भारत के बहुत आभारी हैं।

इस बार भारत कर रहा मेजबानी

बता दें कि भारतीय सेना हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सेना प्रमुखों के दो दिवसीय सम्मेलन की मेजबानी कर रही है। इस वर्ष के सम्मेलन का विषय शांति के लिए एक साथ, भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखना है।

कनाडाई पीएम सबूत पेश नहीं कर पाए

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने संसद में खालिस्तानी आंतकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारत पर झूठा आरोप लगाया था। उन्होंने संसद में कहा था कि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं, लेकिन आज तक वह पेश नहीं कर पाए हैं। यही नहीं कनाडा ने अपने यहां से भारत के राजनयिक को निष्काष्त कर भारत भेज दिया था। इसके बाद भारत ने भी कनाडाई राजदूत को निष्काषित कर दिया था।

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