जम्मू कश्मीर: फारूख अब्दुल्ला का बड़ा बयान, बोले- कश्मीरी पंडितों को वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल कर रही BJP
जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (Jammu and Kashmir National Conference) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने एक बार फिर बीजेपी (BJP) पर निशाना साधते हुए भावुक हो गए।;
जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (Jammu and Kashmir National Conference) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने एक बार फिर बीजेपी (BJP) पर निशाना साधते हुए भावुक हो गए। एक तरफ कहा कि मुसलमानों ने कश्मीरी पंडितों को नहीं भगाया था और आज भाजपा कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandit) को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल कर रही है। लेकिन उनके लिए उसने कुछ नहीं किया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नेकां के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। जहां शनिवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा ने कश्मीरी पंडितों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है। लेकिन कभी उनके लिए उस पार्टी ने कुछ नहीं किया। कश्मीरी पंडितों के संबंध में तीन प्रस्तावों को स्थानांतरित और पारित किया।
People in Kashmir were only used as a vote bank, several promises were made but none fulfilled. Problems were created between Kashmiri Pandits & Kashmiri Muslims. Our enemies will benefit from the hatred spread between Hindus & Muslims in J&K: Ex-J&K CM & NC chief Farooq Abdullah pic.twitter.com/4bK2bbFmVo
— ANI (@ANI) December 11, 2021
फारूख अब्दुल्ला ने माफी मांगी
जानकारी के लिए बता दें कि राजनीतिक दल के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने प्रस्तावों के माध्यम से कश्मीरी पंडितों के लिए राजनीतिक आरक्षण, कश्मीरी हिंदू मंदिर संरक्षण विधेयक पारित करने और कश्मीरी पंडितों की वापसी और पुनर्वास के लिए सरकार से एक राहत पैकेज की मांग की है। फारूख अब्दुल्ला ने माफी मांगते हुए कश्मीरी पंडित समुदाय से 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों के पलायन के समय उनकी रक्षा करने में सक्षम नहीं होने के लिए माफी भी मांगी।
उन्होंने कहा कि नेकां के शासन के दौरान हमने घाटी में पंडित समुदाय की वापसी सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश की थी लेकिन कुछ तत्वों ने पंडितों के नरसंहार कर पूरी वारदात को अंजाम दिया था, जिसकी वजह से पूरी कोशिश नाकाम रही। कश्मीरी पंडितों को पलायन के बाद बहुत नुकसान हुआ है। कश्मीर में पंडित समाज के दर्द की कोई गिनती नहीं ये अनगिनत है। संबोधित करते हुए कहा कि कुछ ताकतों ने कश्मीरी पंडितों और मुस्लिम समुदाय को बांटने की कोशिश की गई थी। यह मुसलमान नहीं बल्कि आत्मकेंद्रित लोग थे। जिन्होंने पंडितों को कश्मीर छोड़ने के लिए मजबूर किया था।