बदल गया जम्मू कश्मीर का इतिहास, पढ़ाई करने वालों के लिए काम की खबर
इतिहास की पढ़ाई करने वाले लोगों के लिए आज का दिन खास है, उन्हें पहले से तैयार की गई नोट्स को अपडेट करने की जरूरत है, सोमवार को राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक विधेयक पेश किया, जिसके बाद जम्मू कश्मीर से धारा 370 और धारा 35 A को खत्म कर दिया गया है।;
इतिहास की पढ़ाई करने वाले लोगों के लिए आज का दिन खास है। उन्हें पहले से तैयार की गई नोट्स को अपडेट करने की जरूरत है। सोमवार को राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक विधेयक पेश किया। इस विधेयक के अनुसार जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बांट दिया गया। साथ ही धारा 370 में बदलाव और 35ए को खत्म कर दिया गया।
इस तरह देश में राज्यों और केंद्र शासित राज्यों की संख्या में बदलाव हो गया है। जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग करके उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। साथ ही जम्मू-कश्मीर को भी केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। इस तरह केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या 7 से बढ़कर 9 हो गई है। वहीं राज्यों की संख्या 29 से घटकर 28 हो गई।
देश में चण्डीगढ़, अण्डमान निकोबार द्वीपसमूह, दादरा और नगर हवेली, लक्ष्यद्वीप, दिल्ली, दमन और द्वीप, पुदुच्चेरी के साथ अब जम्मू-कश्मीर व लद्दाख भी जुड़ गए। अमित शाह द्वारा जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019 में कहा गया कि कश्मीर और जम्मू डिवीजन विधाय के साथ एक अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा जहां पुडुचेरी और दिल्ली की तरह विधायसभा होगी।
केंद्र शासित प्रदेशों को कुछ अधिकार मिलते हैं तो कुछ छीन भी लिए जाते हैं। केंद्र शासित प्रदेश देश के संघीय प्रशासनिक ढांचे की एक उप-राष्ट्रीय प्रशासनिक इकाई होती है। इनपर भारत सरकार का सीधे-सीधे शासन होता है। वहीं दूसरे राज्यों में अपनी चुनी हूई सरकारें होती हैं। केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रपति अपने उप राज्यपाल नामित करता है। देश की राजधानी दिल्ली को इस मामले में विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त है।
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