Republic Day 2020: राष्ट्रगान को पूरा गाने में 52 सेकेंड का समय लगता है, जानें क्यो जरूरी होता हैं खड़ा होना
Republic Day 2020: भारत के राष्ट्रगीत जन-गण-मन को आज ही के दिन 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगान का दर्जा दिया गया था। इसे रबीन्द्रनाथ टैगोर ने लिखा व गाया था।;
भारत के राष्ट्रगान जन-गण-मन को आज ही के दिन राष्ट्रगान का दर्जा दिया गया था। 24 जनवरी 1950 को इसे इसे राष्ट्रगान घोषित किया गया। भारत के इस राष्ट्र गीत को हम सब तब से अब तक गाते आ रहे है।
हमारे राष्ट्रगान जन-गण-मन की रचना गुरूदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर ने की थी। 'जन-गण-मन' बांग्ला गीत 'भारत-भाग्य-बिधाता' का एक हिस्सा है। इसे पहली बार 27 दिसंबर 1911 को कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में गाया गया था। 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा ने इसे राष्ट्रगान घोषित किया। आइए जानें राष्ट्रगान से जुडी कुछ खास बातें जो आप शायद न जानते हो।
- 27 दिसंबर 1911 को पहली बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की कोलकाता (तब कलकत्ता) सभा में गाया गया था।
- संविधान सभा ने जन गण मन को भारत के राष्ट्रगान के रूप में 24 जनवरी 1950 को अपनाया। हालांकि इसे साल 1905 में बंगाली में लिखा गया था।
-जन गण मन के कुछ अंशों का अर्थ होता है कि भारत के नागरिक, भारत की जनता अपने मन से आपको भारत का भाग्य विधाता समझती है। हे अधिनायक तुम्ही भारत के भाग्य विधाता हो। इसके साथ ही इसमें देश के अलग- अलग राज्यों का जिक्र भी किया गया था और उनकी खूबियों के बारे में बताया गया था।
- वदेंमातरम को भी राष्ट्रगान बनाने की बात कही जा रही थी लेकिन उसे राष्ट्रगीत बनाया गया क्योंकि उसकी शुरुआती चार लाइन ही देश को समर्पित हैं बाद की लाइने बंगाली भाषा में हैं और मां दुर्गा की स्तुति की गई है।
-किसी भी ऐसे गीत को राष्ट्रगान बनाना उचित नहीं समझा गया जिसमें देश का न होकर किसी देवी-देवता का जिक्र हो। इसलिए वंदे मातरम को राष्ट्रगान ना बनाकर राष्ट्रगीत बनाया गया।
- राष्ट्रगान को पूरा गाने में 52 सेकेंड का समय लगता है जबकि इसके संस्कनरण को चलाने की अवधि लगभग 20 सेकंड है। राष्ट्रगान में 5 पद हैं। रवींद्रनाथ टैगोर ने राष्ट्रगान को ना केवल लिखा बल्कि उन्होंने इसे गाया भी है। इसे आंध्र प्रदेश के एक छोटे से जिले मदनपिल्लै में गाया गया था।
- राष्ट्रगान से जुड़ी कुछ खास बाते हैं जो इसे गाते समय ध्यान में रखनी चाहिए। जिनमें सबसे महत्वपूर्ण है कि इसे गाते समय सावधान की अवस्था में खड़े हो जाना चाहिए। ऐसा न करने पर राष्ट्रगान का अपमान माना जाता है।