जेएनयू हिंसा को लेकर वार्डन्स का खुलासा कर बड़ा दावा, 4 घंटे तक नहीं मिली पुलिस से मदद

जेएनयू हिंसा में पुलिस थ्योरी के बाद अब साबरमती हॉस्टल के दो वार्डनों ने खुलासा कर बड़ा दावा किया है।;

Update: 2020-01-12 03:04 GMT

जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की थ्योरी के बाद लगातार की बयान सामने आ रहे हैं। अब साबरमती हॉस्टल के दो वार्डनों ने खुलासा कर बड़ा दावा किया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, साबरमती हॉस्टल के दो वार्डन्स ने कहा कि लाठी और डंडों के साथ नकाबपोश भीड़ हॉस्टल से शाम 4 बजे के आसपास बाहर निकली । इस दौरान वो पुलिस और जेएनयू प्रशासन को अलर्ट कर रहे थे। लेकिन लगभग चार घंटे बाद तक कोई मदद पुलिस की तरफ से नहीं मिली थी।

बातचीत के दौरान दोनों वार्डन्स ने कहा कि रात 8 बजे तक, कोई अतिरिक्त सुरक्षा या पुलिस नहीं आई। इसको लेकर अब जांच की मांग की है। इस घटना के बाद वरिष्ठ वार्डन और दूसरे वार्डेनॉ ने इस घटना के बाद इस्तीफा दे दिया था।

हालांकि, कुलपति एम जगदीश कुमार ने दावा किया है कि दोनों को छात्रों द्वारा इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था और उनके इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया गया। इस मामले को देखने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा गठित आंतरिक समिति अभी अपने सामने बुलाएगी। मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

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